EVM का जिन्न एक बार फिर ‘बोतल से बाहर’, चुनाव आयोग ने दिखाई आंख तो अखबार बैकफुट पर, विपक्ष कब आयेगा?

EVM genie is out of the bottle, when the commission showed its anger then the newspaper is on the back foot

भारत में लोकसभा चुनाव भले खत्म हो गये हैं, चुनाव के परिणाम आ गये हैं, नयी सरकार भी बन गयी है, लेकिन अचानक से EVM (Electronic Voting Machine) का जिन्न एक बार फिर ‘बोतल से बाहर’ आ गया है। दरअसल यह बयान दो दिशाओं से आये बयानों के बाद उठा है। एक बयान दुनिया के दूसरे नम्बर से सबसे रईस ‘स्टारलिंक’ के मालिक का आया जिसमें उन्होंने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। इस पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, वहीं दूसरा बयान महाराष्ट्र के एक अखबार के छपी खबर के बाद उठा, जिसने लिखा कि मुम्बई नॉर्थ से 48 वोटों से चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी रवीन्द्र दत्ताराम वायकर के एक रिश्तेदार के मोबाइल फोन के ओटीपी से ईवीएम अनलॉक किया गया। इसका कि चुनाव आयोग ने जोरदार तरीके से खंडन किया है। इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को ‘ब्लैक बॉक्स’ बता कर इस विवाद को और हवा दे दी। चुनाव आयोग ने तो खबर छापने वाले अखबार पर मानहानि का दावा भी ठोंक दिया है।

अब उसी अखबार ने अपनी ही गलत बताया है। अखबार ने लिखा है कि इस खबर में ओटीपी के जरिए ईवीएम अनलॉक करने की बात गलत है और इसके लिए वह माफी मांगता है। सवाल ये है कि अखबार में छपी खबर के बाद क्या विपक्ष भी माफी मांगेगा? क्योंकि उसने अखबार की खबर के आधार पर बिना जाने-समझे हंगामा कर किया था।

बता दें कि रवींद्र वायकर ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट का चुनाव सिर्फ 48 वोटों से जीता था। यहां कम वोट से हार-जीत होते देख दोबारा गिनती करायी गई थी। अखबार में ओटीपी से ईवीएम अनलॉक होने की खबर छपने के बाद चुनाव आयोग ने गंभीर रुख लेते हुए काउंटिंग सेंटर में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले वायकर के रिश्तेदार और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक कर्मचारी पर केस दर्ज कराया था। मुंबई पुलिस इसकी जांच कर रही है। वहीं, अखबार को गलत खबर छापने पर नोटिस भेजा गया था।

चुनाव आयोग ने किया था जोरदार खंडन

अखबार में भ्रामक खबर छपने के बाद मुम्बई निर्वाचन आयोग की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खंडन किया था। उन्होंने कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है। ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता, अखबार ने पूरी तरह से गलत खबर चलाई है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी मोबाइल ओटीपी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह एक गैर-प्रोग्रामेबल अपराध है।

उन्होंने कहा कि ईवीएम पर कोई संचार उपकरण नहीं है… यह तकनीकी रूप से पूर्ण-प्रूफ प्रणाली है और ईवीएम एक स्टैंडअलोन प्रणाली है। इसमें किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है। हमने अखबार को नोटिस भेजा है। 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है।’

एलन मस्क के दावे पर राजीव चंद्रशेखर का पलटवार

अमेरिकी चुनाव को लेकर जब एलन मस्क ने ईवीएम को हैक किया जाने का दावा करते हुए इसे खत्म करने की बात कही उस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने विरोध करते हुए इसे बिना आधार के “बहुत व्यापक सामान्यीकरण” कहा। उन्होंने ट्वीट किया, “यह एक बहुत ही व्यापक बयान है जिसका अर्थ है कि कोई सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बनाया जा सकता है। यह गलत है। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, कोई वाई-फाई नहीं, कोई इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं। फैक्ट्री-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिज़ाइन और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, एलन।”

ईवीएम पर बार-बार उछलता विपक्ष

जाहिर है विपक्ष को राजनीति करनी है, इसलिए वह किसी भी मुद्दे को पड़कर उस पर शोर मचायेगा ही। अभी लोकसभा चुनाव के पहले तक ईवीएम को लेकर हल्ला मचा हुआ था, लेकिन चुनाव के परिणाम आने के बाद जब भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और इंडी गठबंधन को पहले की तुलना में ज्यादा सीटें मिल गयीं तो फिर कहीं से भी ईवीएम को लेकर कोई फुसफुसाहट भी नहीं सुनाई पड़ी। लेकिन जैसे ही एलन मस्क ने ईवीएम को लेकर एक दावा क्या कर दिया, फिर से विपक्ष पिल पड़ा है। राहुल गांधी ने तो इसे ब्लैक बॉक्स तक कह दिया। विपक्ष से यही सवाल है कि अगर ईवीएम गलत है, उसमें कोई भी छेड़छाड़ की जा सकती है तो उसे मिली ज्यादा सीटों का क्या मतलब  निकाला जाये।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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