आदिवासियों का धर्मांतरण रोकने के लिए क्या किया, झारखंड सरकार और केन्द्र सरकार से HC का सवाल

What was done to stop the conversion of tribals, HC questioned

झारखंड के संताल परगना में बदलती डेमोग्राफी पर अब हाई कोर्ट पूरी तरह से सतर्क हो गयी है। हाई कोर्ट में राज्य में चल रहे आदिवासियों के धर्मांतरण पर झारखंड सरकार से ही नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार से भी जवाब मांगा है। झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में आदिवासियों के धर्मांतरण पर लगाने को लेकर दाखिल सोमा उरांव की जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों से पूछा है कि झारखंड के किन-किन जिलों में ट्राइबल्स का धर्मांतरण किया जा रहा है और कितनों को धर्मांतरित किया गया है। हाई कोर्ट ने राज्य और केन्द्र सरकारों को  रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी पूछा कि धर्मांतरण रोकने के लिए सरकारों की ओर से क्या-क्या कार्रवाई की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।

बता दें कि इससे पहले भी झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड में बांग्लादेशियों की घुसपैठ और उसके कारण राज्य की बदल रही डेमोग्राफी पर चिंता व्यक्त करते हुए इसका समाधान करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। बांग्लादेशियों द्वारा झारखंड में घुसपैठ और संथाल इलाके में लैंड जिहाद किये जाने की जांच की मांग को लेकर एक जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की गयी थी। इसी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि संथाल परगना क्षेत्र के सभी उपायुक्त आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने के लिए एक कार्य योजना तैयार करें।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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