30 अगस्त झारखंड की राजनीति में एक बहुत बड़ा दिन साबित होने वाला है। सही मायनों में झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले इसे प्रमुख राजनीतिक गुटों इंडी गठबंधन और एनडीए का शक्ति-प्रदर्शन भी कहा जा रहा है। 30 अगस्त को झारखंड में दो बड़ी घटनाएं होने वाली हैं। पहली, झामुमो को शुरुआती दिनों से राज्य में स्थापित करने वालों में शुमार चम्पाई सोरेन ने ‘दुःखी’ होकर पार्टी को अलविदा कहने के बाद भाजपा में अपना नया ठिकाना बनाने जा रहे हैं। और दूसरी, आनन-फानन में अपनी राजनीतिक चालें बदलते हुए झामुमो प्रमुख यानी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो रैलियां आयोजित कर अपनी राजनीतिक मंशा जता दी है कि चाहे कुछ भी हो जाये, अपनी पार्टी और गठबंधन की धार को वह न तो कम होने देंगे और न ही अपने विरोधियों को खुद पर हावी होने देंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले 28 अगस्त को कोल्हान में ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना’ का आयोजन सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि भाजपा में शामिल होने की घोषणा करने के बाद इसी दिन चम्पाई सोरेन झारखंड लौटे थे। और इसके बाद 30 अगस्त को रांची में ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना’ का आयोजन इसलिए किया, क्योंकि इसी दिन चम्पाई सोरेन भाजपा के शक्ति-प्रदर्शन के बीच ‘कमल’ दल में शामिल होने वाले हैं।
दोनों ओर से खूब चल रहे आरोपों के बाण
झारखंड में जब से चम्पाई सोरेन प्रकरण शुरू हुआ है, पहले तो झामुमो कुछ दिन वेट एंड वॉच की स्थिति में थी, लेकिन उसके बाद उसने भाजपा पर खुल कर हमले करने शुरू कर दिया। चम्पाई प्रकरण पर चुप रहने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी भाजापका को अपने निशाने पर लेने लगे हैं।
हेमंत सोरेन
‘मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना’ की सौगात देने कोल्हान पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विगत चार-पांच महीने से विपक्ष अपना जहरीला बीज बोने में लगा हुआ है। यहां के विपक्ष के नेताओं से कुछ नहीं हो रहा है तो अन्य राज्यों के नेताओं को लेकर आ रहे हैं। यहां के हर अल्पसंख्यक समुदाय को भाजपा बांग्लादेशी के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि झारखंड ने षड्यंत्रकारियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
इरफान अंसारी
झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने भी सोशल मीडिया पर एनडीए पर हमला बोला। इस पोस्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झामुमो और कांग्रेस के नेताओं के साथ झारखंड की पारंपरिक मूढ़ी और घुघनी खाते दिखाई दे रहे हैं। इरफान अंसारी ने अपने पोस्ट में लिखा कि झारखंडी दोना में मूढ़ी-घुघनी की ताकत, भाजपा का सफाया तय है। उन्होंने लिखा कि बटर टोस्ट, आमलेट और कॉर्नफ्लेक्स खाने वाले जरा गौर से देखें। हम झारखंडवासी दोना में मूढ़ी, घुघनी, आलू चोप और ऊपर से प्याज-मिर्चा ही खाते हैं। जनता हमें चाहे कितने भी बड़े पद पर बैठा दे, हम अपनी सादगी, रहन-सहन और सभ्यता नहीं भूलते। इसलिए भाजपा वालों होश में आ जाओ, तुम्हारी दाल यहां नहीं गलने वाली। भाजपा का सफाया तय है।
चम्पाई सोरेन
दो दिनों के दिल्ली प्रवास और भाजपा नेताओं के साथ बैठकें करने के बाद रांची लौटे पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बीजेपी में जाने के बाद वह बहुत वढ़िया फील कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उनपर भरोसा किया। वह राज्य को और आगे ले जायेंगे। हेमंत सरकार के द्वारा उनकी जासूसी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह संघर्ष से उपजे व्यक्ति हैं। समय पर इसका जवाब दिया जायेगा।
बाबूलाल मरांडी
बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी रांची लौटे। उन्होंने कहा कि चम्पाई सीनियर आदिवासी लीडर हैं। उनके आने से भाजपा और मजबूत होगी। जासूसी प्रकरण के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि हेमंत सरकार डरी हुई है। कभी अपने विधायक को हैदराबाद तो कभी रायपुर ले जाती है। डर इतना कि कभी डैमों का सैर कराती है तो कभी रांची के एक होटल में ठहरा देती है
हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बिस्वा सरमा जो कि असम के मुख्यमंत्री और वर्तमान में झारखंड के भाजपा चुनाव सह प्रभारी हैं ने एक प्रेस कांफ्रेंस में हेमंत सरकार पर पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन की जासूसी कराने का आरोप लगाकर राजनीति के पारे को और भी ऊपर चढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर दिल्ली में ठहरे चम्पाई सोरेन के गतिविधियों और क्रियाकलापों की जासूसी करायी जा रही थी। दिल्ली में वह किससे मिल रहे हैं, किसका आना-जाना हो रहा है, उसकी जानकारी स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर झारखंड पहुंचा रहे थे। असम के सीएम ने आरोप लगाया कि आईजी प्रभात कुमार के दिशा-निर्देश पर चम्पाई सोरेन की गतिविधियों की जासूसी करायी जा रही थी। इससे पहले जब हेमंत सोरेन प्रतिपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने भी रघुवर सरकार पर उनकी जासूसी कराने के आरोप लगे थे।
शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोरेन परिवार के अलावा अपने मंत्रियों, विधायकों और नेताओं पर भी भरोसा नहीं है। चम्पाई सोरेन झामुमो के वरिष्ठतम नेता हैं। वे झामुमो के संस्थापक सदस्य भी हैं लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन्हें अपमानित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। शिवराज ने कहा कि अपनी ही पार्टी के इतने बड़े नेता को साजिश के तहत मुख्यमंत्री पद से हटाना और झटपट स्वयं सीएम की कुर्सी पर बैठ जाना, ये आदिवासी समुदाय के एक बड़े नेता का घोर अपमान है। पूरे आदिवासी समाज के साथ दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार है एक डरा हुआ मुख्यमंत्री और कर भी क्या सकता है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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