झारखंड में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हो गया है। चम्पाई सोरेन के पांच महीने अच्छे से राज्य की कमान सम्भालने के बाद 7 जुलाई को हेमंत सोरेन एक बार फिर से राज्य की बागडोर सम्भाल लेंगे। 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के हाथों गिरफ्तार होकर जेल जाना पड़ा था। फिलहाल हेमंत जमानत पर जेल से बाहर हैं। हेमंत सोरेन झारखंड की पांचवीं विधानसभा में दूसरी बार और कुल तीसरी बार मुख्यमंत्री का ताज पहनने जा रहे हैं। हेमंत सोरेन जब जेल गये थे तब और अब की परिस्थिति में काफी अन्तर आ गया है। दलीय स्थिति में भी अन्तर आ गया है। भले ही अब छठी विधानसभा में ज्यादा का वक्त नहीं बचा है, लेकिन जो भी वक्त बचा है, उसे ठीक से चलाने और आगामी विधानसभा चुनाव में जाने की तैयारियों के लिए सरकार का ठीक से चलना भी जरूरी है।
2019 में जब रघुवर सरकार को हटाकर हेमंत सोरेन सत्ता में आये तब दलीय स्थिति काफी मजबूत थी। झामुमो की 30, कांग्रेस की 16, राजद की 1, भाकपा की 1 और 2 निर्दलीयों के साथ हेमंत सोरेन सरकार की शुरुआत हुई। ऐसा नहीं है कि आज उनकी स्थिति कमजोर हुई है, या फिर फ्लोर टेस्ट में उन्हें कोई खतरा है। जब विधायकों के हस्ताक्षर के साथ राज्यपाल को समर्थन-पत्र सौंपा गया है तो उससे समझा जा सकता है कि उनके पास पूरा समर्थन है। लेकिन ताजा दलीय स्थिति कुछ कहती है। इस पर भी गौर करना जरूरी है।
फ्लोर टेस्ट का गणित फिलहाल यह है कि झारखंड के चार विधायकों के सांसद बनने, विधायक सीता सोरेन के इस्तीफा देने और कल्पना सोरेन के विधायक बनने के बाद झारखंड विधानसभा का समीकरण कुछ इस प्रकार है। लोकसभा चुनावों के बाद पांच विधानसभा क्षेत्र जामा, शिकारीपाड़ा, बाघमारा, हजारीबाग, मनोहरपुर सीट खाली हो गये हैं। अब जो दलीय स्थिति है, वह इस प्रकार है- झामुमो के 27, बाबूलाल मरांडी की जेवीएम पारी के शामिल हो जाने के बाद भाजपा के 25, प्रदीप यादव की सीट जोड़ कर कांग्रेस के 17, आजसू के 3, राजद का 1, भाकपा माले का 1, एनसीपी का 1 और निर्दलीय विधायक 1 हैं। यानी झामुमो, कांग्रेस, राजद, भाजपा माले के कुल विधायकों की ही संख्या 46 हो जाती है। यानी बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटें हेमंत सोरेन के पास हैं। लेकिन एक बात जो अब तक स्पष्ट नहीं है कि हेमंत सोरेन के वास्तव में कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है और कितने विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन-पत्र राज्यपाल को सौंपा गया है। वर्तमान में विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 76 है। इसलिए सदन में बहुमत का आंकड़ा बनता है (76÷2=38+1) 39.
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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