Jharkhand: खूंटी में भारतमाला परियोजना का असर, जमीनें खरीदने की मची होड़, IAS-IPS भी शामिल

Jharkhand: Impact of Bharatmala project in Khunti, competition to buy land

पूरे देश को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है भारतमाला। यह योजना जब पूरी हो जायेगी तक पूरे देश को परिवहन को एक ऐसा आयाम मिल जायेगा जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की गयी होगी। लोग आसानी से एक जगह से दूसरे स्थानों का आ-जा तो सकेंगे ही, साथ ही देश की अनगिनत खाद्य-अखाद्य वस्तुओं का लाना-ले जाना बेहद आसान और सरल हो जायेगा। इस परियोजना के तैयार हो जाने के बाद इसके बनने का सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन भी देश पर दिखेगा।

खैर, यह परिवर्तन जब दिखेगा तब दिखेगा, लेकिन एक परिवर्तन झारखंड में तो दिखने लगा है, खास कर खूंटी जिले में। झारखंड के खूंटी जिले से भारतमाला परियोजना होकर गुजर रही है। इस परियोजना की जानकारी होने के बाद जहां से यह परियोजना गुजरेगी, उसके आस-पास की जमीनों के भाव आसमान पर पहुंच गये हैं। आमजन ही नहीं, राज्य के आला अधिकारी भी इस भेड़चाल में शामिल हो गये हैं। IAS, IPS के भी इस भेड़चाल में सम्मिलित होने की खबर है। खबर है कि लोधमा और कर्रा में आला अधिकारियों ने ढेरों जमीनें या तो खरीद ली हैं या फिर खरीदने की जुगत में हैं। ये जमीनें थोक के भाव में, कहने का मतलब एकड़ के हिसाब से खरीदी जा रही हैं। आला अधिकारी ही नहीं, कनीय अधिकारी भी इसमें शामिल हैं, उन्होंने भी जमीनें खरीद रखी हैं।

खूंटी जिले में भारतमाला योजना के तहत बनने वाला कोरिडोर

भारतमाला परियोजना के तहत खूंटी जिले के बड़े हिस्से में कोरिडोर तैयार होगा। इस कोरिडोर के लिए 2235 करोड़ रुपये का टेंडर भी जारी हो चुका है। इस कोरिडोर में कर्रा, लोधमा, सीठियो का बड़ा एरिया भी आयेगा। हालांकि इस क्षेत्र में कई नयी रेल परियोजनाएं भी प्रस्तावित हैं, जिसको लेकर इन क्षेत्रों में जमीन की खरीद-बिक्री पहले से ही जोरो पर थी, लेकिन जैसे ही भारतमाला परियोजना की शुरुआत हुई है, इसकी रफ्तार और भी बढ़ गयी है। आने वाले दिनों में इसमें और इजाफा हो तो कोई आश्चर्य नहीं है। बता दें कि यह परियोजना झारखंड में रांची, खूंटी, सिमडेगा होते हुए ओडिशा में प्रवेश करेगी।

क्या है भारतमाला परियोजना?

भारत माला एक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना हैं। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा जो अब तक अधूरे हैं। इसमें सीमा और अंतर्राष्‍ट्रीय संयोजकता वाले विकास परियोजना को शामिल किया गया है। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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