बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पाकिस्तान सेना मुख्यालय में मनाया गया जश्न

Celebrations held at Pakistan Army Headquarters after coup in Bangladesh

बांग्लादेश में अराजकता का माहौल है, बांग्लादेश की हालत पर भारत में चिंता का माहौल है, लेकिन एक देश है जो काफी खुश है। वह देश और कोई नहीं, भारत का सबसे बड़ा दुश्मन देश पाकिस्तान। खबर है कि बांग्लादेश में जो राजनीतिक हालात बने हैं, उससे पाकिस्तान के सेना मुख्यालय में जश्न मनाया गया। बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंसक घटनाक्रम को लेकर सोमवार रात को ही पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में एक बैठक हुई और सैनिकों ने जश्न मनाया। जैसी की आशंका जतायी जा रही थी कि बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के पीछे पाकिस्तान का हाथ हो सकता है, वह आशंका सही साबित होती जा रही है। खबर तो यहां तक है कि बांग्लादेश संकट के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है।

विदेशी ताकतों का हाथ होने से नहीं किया जा सकता इनकार

पाकिस्तान के आईएसआई के हाथ होने की आशंकाओं के बीच यह भी आशंका जतायी जा रही है कि इसके पीछे दूसरे देशों का भी हाथ हो सकता है। इस संकट में पाकिस्तान का नाम भले ही आया है, लेकिन पाकिस्तान की इतनी हैसियत नहीं है कि वह सीधे-सीधे दूसरे देशों के लिए संकट बन सके। पर दूसरे देशों की शह पर ऐसा वह कर ही सकता है। इसमें सबसे बड़ा जो नाम सामने आ सकता है, वह भारत के लिए हमेशा संकट बनने वाला देश चीन हो सकता है। इस संकट के पीछे चीन का हाथ होने की आशंका इसलिए भी है कि चीन पाकिस्तान को हमेशा मदद कर भारत के लिए खतरा की स्थिति तैयार करता रहता है। हाल में नेपाल में जो सत्ता परिवर्तन हुआ है, उसमें भी चीन का हाथ होने की चर्चा है। सभी को पता है नेपाले के प्रधानमंत्री केपी ओली चीन के समर्थक है। अगर बांग्लादेश भी चीन की गोद में जा बैठे तो यह भारत के लिए कितना बड़ा संकट हो सकता है, इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। यानी भारत की सारी सीमा चीनी समर्थक देशों की हो जायेगी। बांग्लादेश के संकट के पीछे एक और देश का नाम भी सामने आ रहा है। वह है पूरे विश्व के सबसे बड़े चौधरी अमेरिका का नाम। अगर अमेरिका भी इन सबके पीछे होगा भी तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि हर देश में चौधराहट दिखाना उसका काम भी है और नीयत भी। पाकिस्तान की मदद करके अगर उसने यह संकट खड़ा किया है, तो भी इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हालांकि अमेरिका कह रहा है लोकतंत्र में अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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