Ranchi: झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) में एमबीए, एमटेक, बीटेक व डिप्लोमा का सत्र छह माह से विलंब से चल रहा है. इसे लेकर टेक्निकल छात्र संघ का प्रतिनिधिमंडल अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में विवि के रजिस्ट्रार निशांत कुमार से मिला. श्री बनर्जी ने रजिस्ट्रार से कहा कि अगस्त में आयोजित बीटेक परीक्षा का रिजल्ट भी अभी तक नहीं निकला है. इसी प्रकार एमबीए परीक्षा का रिजल्ट भी तीन माह बाद भी नहीं निकला है.
संघ ने रिजल्ट तैयार करने में भी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत की. इमेल से मार्क्सशीट भेजने में गड़बड़ी की बात कही. रजिस्ट्रार ने अभिषेक बनर्जी को आश्वस्त किया कि वह सभी समस्याओं का शीघ्र ही निदान करायेंगे.
झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव से मिला टेक्निकल छात्र संघ का परिमंडल
टेक्निकल छात्र संघ का एक परिमंडल अभिषेक बनर्जी के अध्यक्षता में झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव निशांत कुमार से मिले उस समय कक्ष में कैरिकुलम डायरेक्टर स्नेह सर भी मौजूद थे।
प्रतिमंडल ने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 6 महीना बिलम चल रहे एमबीए,एम.टेक,बीटेक,और डिप्लोम के परीक्षा के बारे में अवगत करवाया।
1)अभिषेक बैनर्जी ने कहा कि टेक्निकल विश्वविद्यालय बनने के बाद भी विश्वविद्यालय में कोई काम नहीं हो रहा है बीटेक 6th सेमेस्टर परीक्षा अगस्त में हुआ है अभी तक रिजल्ट नहीं आया है और अभी 2 दिन पहले 7th सेमेस्टर का परीक्षा का फर्म भरने का तिथि घोषित दिया गया है जिससे छात्र परेशान है।
2) एमबीए का भी परीक्षा हुए 3 महीना होने जा रहा है उसका भी अभी तक रिजल्ट नहीं हुआ हैं।
3) झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की रिजल्ट जारी करने के पद्धति के ऊपर भी अभिषेक बनर्जी ने बताया की उससे घूसखोरी हो रही है ।
जुयूटी कोई भी सेमेस्टर कोई भी परीक्षा का रिजल्ट जारी करने से एक सप्ताह पहले रिजल्ट से मिलता हुआ प्रोविजनल रिजल्ट (रिजल्ट के जैसा ही दिखता हुआ बस उसमें अधिकारियों का हस्ताक्षर नहीं रहता है ) जारी करता है वह भी साइट में नहीं आता है (टेक्निकल विश्वविद्यालय होने के बाद भी रिजल्ट साइट में जारी नहीं होता है) कॉलेज को रिजल्ट ईमेल के द्वारा भेजा जाता है अब जिस भी स्टाफ के पास उसका एक्सेस रहता है वह बच्चों को रिजल्ट में पास करवा देने के नाम पर धांधली करता है इस पर जल्दी से जल्दी लिखती में एक आवेदन देने को कहा कुलसचिव सर ने और कैरिकुलम डायरेक्टर सर ने सारे मुद्दों को गंभीरता से सुना और
जल्दी से जल्दी निदान करने का आश्वासन दिया और साथ ही एक से दो दिन के बाद एक बार परीक्षा नियंत्रक से मिले और सारे मामले को संज्ञान में देने को कहा।