स्टार क्रिकेटरों की मनमानी नहीं चलेगी, बीसीसीआई ने नजर टेढ़ी की, बनायी 10 सूत्रीय नीति!

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) टीम इंडिया में खराब प्रदर्शन करने वाले स्टार क्रिकेटरों को लेकर अपनी नजर टेढ़ी कर ली है। पिछले कुछ समय से भारतीय क्रिकेट टीम के लचर प्रदर्शन से बीसीसीआई की प्रतिष्ठा को बट्टा लग रहा है। इसलिए इसने कड़ाई करते हुए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, चाहे वह स्टार प्लेयर ही क्यों न हों, के लिए नयी गाइडलाइन तैयार की है, जिसका पालन करना उन्हें जरूरी है।

बीसीसीआई ने राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए 10 सूत्रीय नीति जारी की। इसके तहत अब से सीनियर हो या जूनियर खिलाड़ी, सभी को घरेलू क्रिकेट और टूर्नामेंट्स में खेलना अनिवार्य होगा। बता दें कि देश के कई क्रिकेटर स्टार बन जाने के बाद घरेलू क्रिकेट खेलना छोड़ देते हैं, या यूं कहें कि उन्हें इन घरेलू क्रिकेट में खेलना अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं समझते। इस लिस्ट में रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे कई खिलाड़ियों के नाम लिये जा सकते हैं। झारखंड के स्टार क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी को भी टीम इंडिया में आने के बाद कभी घरेलू क्रिकेट खेलते नहीं देखा गया। स्टार खिलाड़ियों की बात करें तो क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने कई मौकों पर घरेलू मैच जरूर खेला है। कम से कम दूसरे खिलाड़ियों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

इतना ही नहीं, क्रिकेट सीरीज के दौरे पर परिवार और निजी स्टाफ की मौजूदगी पर पाबंदी और किसी सीरीज के दौरान व्यक्तिगत रूप से किसी विज्ञापन का शूट करने पर प्रतिबंध जैसे कई नीति भी बीसीसीआई ने बनायी है। अब देखना यह है कि बीसीसीआई ने इतनी सारी पाबंदियां तो लगा दी हैं, इनका असर कितना होता है और भारतीय क्रिकेट के फायदा कितना होता है।

बीसीसीआई की 10 सूत्रीय पॉलिसी

1. घरेलू मैचों में भागीदारी:
“बीसीसीआई द्वारा जारी किए दिशानिर्देशों के मुताबिक, राष्ट्रीय टीम में चयन और केंद्रीय अनुबंध के लिए पात्र बने रहने के लिए घरेलू मैचों में भागीदारी अनिवार्य है। यह नीति सुनिश्चित करती है कि खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के इकोसिस्टम(पारिस्थितिकी तंत्र) से जुड़े रहें, प्रतिभा विकास को बढ़ावा दें, मैच फिटनेस बनाए रखें और घरेलू क्रिकेट की संरचना को मजबूत करें। यह घरेलू खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगा क्योंकि उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा, नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों प्रगति में निरंतरता सुनिश्चित करेगा। इसमें किसी भी अपवाद या विचलन पर असाधारण परिस्थितियों में विचार किया जाएगा, इसके लिए चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच के अनुमोदन की आवश्यक्ता होगी जो मामले में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।

2. परिवार के साथ अलग से यात्रा करने वाले खिलाड़ी:
“सभी खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मैचों और अभ्यास सत्रों के लिए टीम के साथ यात्रा करेंगे। अनुशासन और टीम में एकजुटता बनाए रखने के लिए परिवारों के साथ अलग से यात्रा की व्यवस्था को हतोत्साहित किया जाता है। यदि कोई अपवाद है, तो उसे मुख्य कोच और चयन समिति के अध्यक्ष द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए।’

3. एक्सेस बैगेज लिमिट:
“खिलाड़ियों को तय सामान सीमा का पालन करना आवश्यक होगा। किसी भी तरह के अतिरिक्त सामान की लागत का भुगतान खिलाड़ी द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किया जाएगा। यह नीति लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने और अनावश्यक खर्चों की कटौती में मददगार होगी।”

बैगेज पॉलिसी

विदेश दौरा (30 दिन से अधिक)

खिलाड़ी-पांच पीस(तीन सूटकेस+ दो किटबैग) या अधिकतम 150 किलो

सपोर्ट स्टाफ-दो पीस( दो सूटकेस) या अधिकतम 80 किलो

विदेश दौरा( 30 दिन से कम)

खिलाड़ी-चार पीस(दो सूटकेस+ दो किटबैग) या अधिकतम 120 किलो

सपोर्ट स्टाफ-दो पीस( दो सूटकेस) या अधिकतम 60 किलो

घरेलू सीरीज

खिलाड़ी-चार पीस(दो सूटकेस+ दो किटबैग) या अधिकतम 120 किलो

सपोर्ट स्टाफ-दो पीस( दो सूटकेस) या अधिकतम 60 किलो

4. टूर/सीरीज़ पर निजी स्टाफ पर प्रतिबंध
किसी भी टूर या सीरीज के दौरान खिलाड़ियों के निजी स्टाफ (पर्सनल स्टाफ, शेफ, सहायक और सुरक्षा) के साथ रहने और साथ यात्रा पर तब तक प्रतिबंध रहेगा जबतक साथ रहने के लिए बीसीसीआई द्वारा स्पष्ट रूप से अनुमोदन ना किया जाए। यह टीम संचालन के साथ-साथ लॉजिस्टिक चुनौतियों को कम करेगा।

5. उत्कृष्टता केंद्र में अलग से बैग भेजना
खिलाड़ियों को बेंगलुरू स्थित सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में इक्युपमेंट और व्यक्तिगत सामग्री भेजने के लिए टीम प्रबंधन के साथ समन्वय करना होगा। अलग व्यवस्था के लिए होने वाले अतिरिक्त खर्च या लागत के भुगतान की जिम्मेदारी खिलाड़ी की होगी।

6. अभ्यास सत्र को जल्दी छोड़ना
सभी खिलाड़ियों को निर्धारित अभ्यास सत्रों के दौरान पूरे समय उपलब्ध रहना होगा। अभ्यास स्थल तक आने और वापस जाने के दौरान टीम के साथ यात्रा करना आवश्यक है। यह नियम प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है और टीम के भीतर एक मजबूत कार्य नीति को बढ़ावा देता है।

7. सीरीज़/टूर के दौरान व्यक्तिगत शूट
खिलाड़ियों को किसी भी चल रही सीरीज़ या टूर के दौरान व्यक्तिगत शूट या विज्ञापन में शामिल होने की अनुमति नहीं है। इससे ध्यान भंग होता है और यह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ियों का ध्यान क्रिकेट और टीम की जिम्मेदारियों पर बना रहे।

8. परिवार यात्रा नीति
परिवार यात्रा नीति खिलाड़ियों की व्यक्तिगत बेहतरी और टीम प्रतिबद्धताओं के बीच संतुलन सुनिश्चित करती है।

पात्रता: विदेशी दौरों के दौरान 45 दिनों से अधिक समय तक भारत से दूर रहने वाले खिलाड़ियों के साथ सीरीजवार पत्नी और बच्चे(18 वर्ष से कम) दो सप्ताह तक के लिए एक बार उनके साथ रह सकते हैं।

प्रावधान: सभी अन्य खर्चे खिलाड़ी द्वारा वहन किए जाएंगे।

समन्वय: मुख्य कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशंस द्वारा सहमत तिथियों के दौरान एक ही समय में यात्राओं का शेड्यूल बनाया जाना चाहिए।

अपवाद: इस नीति में किसी भी बदलाव को मुख्य कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशंस द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए। आगंतुक अवधि से बाहर होने वाले अतिरिक्त खर्चों को बीसीसीआई द्वारा वहन नहीं किया जाएगा।

9. बीसीसीआई के आधिकारिक शूट और कार्यों में भागीदारी
खिलाड़ियों को बीसीसीआई के आधिकारिक शूट, प्रमोश्नल एक्टिविटीज और समारोह के लिए उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। ये सभी कार्य हितधारकों के प्रति बीसीसीआई की प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने और खेल को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं।

10. मैच जल्दी समाप्त होने पर खिलाड़ियों की घर वापसी
खिलाड़ियों को मैच, सीरीज़ या टूर के निर्धारित तिथि पर समाप्त होने तक टीम के साथ रहना आवश्यक है, भले ही मैच समय से पहले समाप्त हो जाएं। इससे टीम की एकजुटता सुनिश्चित होती है, टीम बॉन्डिंग को बढ़ती है और यह टीम डायनमिक्स को अवरोध से बचाता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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