ईडी के अधिकारी ने भानु प्रताप प्रसाद को चार दिनों के रिमांड पर जेल से लाया है। मंगलवार की सुबह पौने बारह बजे ईडी की टीम भानु प्रताप प्रसाद को लेकर हिनू स्थित कार्यालय पहुंचे। अब ईडी के अधिकारी हेमंत सोरेन और भानु प्रताप प्रसाद को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेंगे। चार दिनों की रिमांड पर भानु प्रताप प्रसाद को ईडी ने जेल से लाया है। आमने-सामने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासा होने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि, हेमंत सोरेन का बुधवार को रिमांड अवधि की अंतिम दिन है।
बता दे कि भानु प्रताप प्रसाद वही शख्स है जिसके ईडी की जद में आने के बाद बरियातू आर्मी जमीन फर्जीवाड़े की परतें प्याज की तरह उधड़ने लगीं। पिछले साल अप्रैल में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के घर से एक बक्सा मिला था। बक्से में ईडी ने जमीन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए थे। उसके बाद प्रदीप बागची, अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज खान व भानु प्रताप प्रसाद गिरफ्तार किये गये। रांची और जमशेदपुर में छापेमारी के बाद ईडी ने बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित दस्तावेज बरामद किये थे। इसी जांच में रांची के पूर्व डीसी आईएएस छविरंजन का नाम आया। ईडी ने की छवि रंजन से कई दौर की पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद दिलीप कुमार घोष व अमित कुमार अग्रवाल भी और फिर भरत प्रसाद और राजेश राय की गिरफ्तारी हुई। इसी क्रम कोलकाता के कारोबारी विष्णु अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। 11 अगस्त को ईडी ने जेल में बंद प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया। यानी हेमंत सोरेन से पहले 13 आरोपी इसी फर्जीवाड़े में सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। बता दें इस फर्जीवाड़े में दस्तावेजों में नाम बदलकर, जमीनें हड़पने का आरोप लगाया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल तो यहां तक पूछ चुके हैं कि ये शिव सोरेन, हेमंत कुमार सोरेन, बसंत कुमार सोरेन और दुर्गा प्रसाद सोरेन कौन हैं?
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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