Bihar में ‘खेला’ अभी खत्म नहीं हुआ है! ‘सहयोगी’ से ‘सेल्फ गोल’ का मंडरा रहा खतरा!

‘Khela’ is not over yet in Bihar! Danger of 'self goal' from ally!

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिल्ली में मिलेगा कौन-सा ‘मूलमंत्र’?

बिहार के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट करना है। यह फ्लोर टेस्ट नीतीश के लिए अग्निपरीक्षा बना हुआ है। कहने को तो नीतीश कुमार को बहुमत हासिल है, उसी के कारण उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला है। लेकिन सच यह है कि राजग भी जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता तब तक आराम से नहीं बैठ पायेगा। इसकी वजह है गठबंधन के अंदर चल रही तनातनी। हालांकि यह तनातनी कितना बड़ा संकट है, उसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन चूंकि उस ‘संकट’ का नाम जीतन राम मांझी है, इसलिए इस पर खुलकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता। जीतन राम मांझी से संकट यह है कि वह मंत्रिपद को लेकर परेशान हैं। इनकी मांग है कि उनकी पार्टी के कोटे से 2 मंत्री दिये जायें। वह अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि जीतन राम मांझी की मांग की चर्चाओं के बीच उनके बेटे संतोष मांझी ने गठबंधन में किसी प्रकार के मतभेद से इनकार जरूर किया है। बता दें कि हम पार्टी के इस समय 4 विधायक हैं।

गठबंधन की रणनीति तय करने नीतीश जायेंगे दिल्ली

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 फरवरी को दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली जाने वाले हैं। नीतीश कुमार दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे और मंत्रिमंडल के विस्तार और फ्लोर टेस्ट को लेकर रणनीति तैयार करेंगे। यहां यह बता दें कि बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सोमवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। भाजपा फ्लोर टेस्ट में किसी प्रकार का कोर-कसर नहीं रखना चाहती इसके ठोस रणनीति बनाकर आगे बढ़ रही है। इतना ही नहीं, भाजपा दिल्ली में होने वाले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी काम कर रही है। बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों को लेकर भाजपा की रणनीति यही है कि दिल्ली में रह रहे बिहार के लोगों के वोटों को अपनी तरफ कैसे मोड़ा जाये।

सत्ता गंवाने के बाद चैन से नहीं बैठा है राजद

उधर, सत्ता से बेदखल होने के बाद राजद भी चैन से नहीं बैठा है। वह अब भी इस प्रयास में लगा है कि कैसे इस गठबंधन को पराजित किया जा सके। राजद का कहना है कि भाजपा व उसकी सहयोगी दलों ने बिहार की जनता के साथ विश्वासघात किया। इसलिए राजद ने अभी हिम्मत नहीं हारी है। चूंकि राजद बहुमत की संख्या हासिल करने के काफी करीब है, इसले वह यह प्रयास कर रही है कि एनडीए के विधायकों को कैसे तोड़ा लिया जाये। उनके लिए सबसे सॉफ्ट टार्गेट हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी है। चूंकि जीतन राम मांझी भी पलटू राम के नाम से विख्यात है, इसलिए राजद उन्हें लगातार प्रलोभन दे रहा है। चूंकि जीतन राम का मंत्रिपद को लेकर नीतीश सरकार से कुछ तनातनी चल रही है, इसलिए राजद भी उनको अपने पक्ष में करके राजग को बड़ा झटका देना चाहती है। हालांकि राजद को कांग्रेस के विधायकों के टूटने का भी अंदेशा है। अगर ऐसा होता है तो फिर राजद के पास करने को कुछ नहीं शेष रहेगा। कांग्रेस ने भी अपने 16 विधायकों को  हैदराबाद भेज दिया है ताकि उन्हें हॉर्स ट्रेडिंग से रोका जा सके।

बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा
  • बिहार विधानसभा की कुल सीटें- 243
  • बहुमत हासिल करने की संख्या – 122
  • राजग के साथ विधायक – 128- (भाजपा 78, जदयू 45, हम 4, निर्दलीय 1)
  • गठबंधन के साथ विधायक – 114 (राजद 79, कांग्रेस 19, वामदल 16)
  • किसी को समर्थन नहीं – आईएमआईएमआई -1

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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