कभी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में खासा रसूख रखने वाला ललित मोदी आज भारत का पैसा लेकर विदेश में फरार है। ललित मोदी तो पहले सिर्फ भगोड़ा ही था, लेकिन अब उसके नाम के आगे एक और नाम जुड़ गया है- ‘धोबी का कुत्ता न घर का घाट का’। दरअसल ललित मोदी ने भारत से भाग कर वनुआतु नाम छोटे से देश की नागरिकता ले ली थी। इस देश के बारे में कहा जाता है कि कोई भी 1.30 करोड़ रुपये खर्च कर यहां की नागरिकता हासिल कर सकता है। ऐसा ललित मोदी ने भी किया। ललित मोदी ने पैसे देकर वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली और भारत का पासपोर्ट सरेंडर कर दिया।
मगर ललित मोदी को क्या पता था कि मुसीबतों का पहाड़ तो अब टूटने वाला है। दरअसल, वनुआतु सरकार को पता नहीं था कि ललित मोदी भारत से भगोड़ा है। ललित मोदी साल 2010 में ही भारत से भागकर लंदन में रह रहा था। वनुआतु के अखबार के मुताबिक कुछ खुलासों के बाद सरकार ने ललित मोदी की नागरिकता रद्द करने का फैसला किया है। इससे पहले ललित मोदी ने वनुआतु की नागरिकता मिलने के बाद 7 मार्च 2025 को अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर किया था।
वनुआतु के पीएम जोथम नापत के निर्देश पर ललित मोदी की नागरिकता रद्द कर दी गयी है। अखबार वनुआतु डेली पोस्ट का कहना है कि न्यूजीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण ने ललित मोदी की नागरिकता रद्द कराने के लिए वनुआतु की सरकार से बातचीत की थी। जिसके बाद ललित मोदी को वनुआतु ने अपनी नागरिकता से वंचित कर दिया।विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि की थी कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारत के उच्चायोग में भारत का पासपोर्ट जमा कराया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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