जियाडा कर्मियों के बकाया मद का 12,74,28.95 रूपए का भुगतान करेगी
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार हुई कैबिनेट की बैठक में 12 एजेंडों पर मुहर लगी। इनमें 25 साल, यानी झारखंड राज्य गठन से जुड़े एक मामले को भी सुलझा लिया गया है। इसके साथ 15 नवंबर 2000 बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत गठित झारखंड राज्य और बिहार के बीच चला आ रहा विवाद समाप्त हो गया है। हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में तत्तकालीन बिहार सरकार के एसेट्स रहे बिहार स्टेट इलेक्ट्रोनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के कर्मियों का बकाया भुगतान झारखंड सरकार की इकाई झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (जियाडा) करेगी। इससे जुड़े एक प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी प्रदान की गयी। जियाडा कर्मियों के बकाया मद का 12,74,28.95 रूपए का भुगतान करेगी। मालूम हो कि झारखंड हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश 19 जनवरी 2014 को दिया था।
बता दें कि अविभाजित बिहार स्टेट इलेक्ट्रोनिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत बेलट्रॉन वीडिया सिस्टम लिमिटेड, बेलट्रान माइनिंग सिस्टम लिमिटेड, बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम के तहत हाईटेंशन इन्सयूलेटर फैक्ट्री नामकुम, इलेक्ट्रीक इक्वीमेंट फैक्ट्री टाटीसिल्वे रांची, मैलेबुल कास्ट आयरन फाऊंड्री नामकुम, रांची, स्वर्णरेखा घड़ी कारखाना, नामकुम रांची और बिहार राज्य सुपर फास्केट फैक्ट्री सिंदरी धनबाद आदि कंपनियां थी।
मगर राज्य गठन के बाद ये कपंनियां, असेस्टस एवं कर्मियों का बकाया झारखंड के अधीन और जिम्मे आ गया। मगर झारखंड सरकार कर्मियों के बकाये भुगतान करने में असमर्थता जाहिर करते आया। इसको लेकर कर्मचारी संगठनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। इसके आद अंतत: कोर्ट का आदेश आया और मंगलवार को अंतत: सरकार ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी।
इसमें अधिकांश कंपनियां झारखंड गठन के पहले ही बंद हो गयी। जैसे हाईटेंशन फैक्ट्री नामकुम 1992 में ही बंद हो गयी। बंद होने के बाद बिहार में भी इनमें कार्यरत कर्मियों का कोई हल नहीं निकला। बाद में झारखंड गठन होने के बाद इनका हल नहीं निकल पाया। इसमें कार्यरत कई ऐसे कर्मी थे जो सेवानिवृत हो गये, वहीं कई कर्मचारी की मुत्यु हो गयी। विभिन्न मंच एवं संगठनों के द्वारा लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गयी।
झारखंड कैबिनेट में इन एजेंडों पर लगी मुहर
- झारखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाई (MSME) विशेष छूट विधेयक-2025 के गठन की स्वीकृति दी गई।
- सुनील कुमार तत्कालीन उप निदेशक भूमि संरक्षण अनुसंधान केन्द्र डेमोटाँड, हजारीबाग-सह-निदेशक “समेति” सम्प्रति सेवानिवृत्त के द्वारा समर्पित विभागीय संकल्प संख्या-488 दिनांक-21.02.2024 के माध्यम से अधिरोपित दण्ड पर पुनर्विचार संबंधी आवेदन को अस्वीकृत किये जाने की स्वीकृति दी गई।
- झारखण्ड जगुआर (एस०टी०एफ०) में प्रतिनियुक्त स्व० राजेश कुमार, तत्कालीन उप समादेष्टा, 84वी० वाहिनी, सीमा सुरक्षा बल के आश्रित को सेवांत लाभों के भुगतान की स्वीकृति दी गई।
- झारखण्ड आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका चयन एवं मानदेय (अन्य शर्तों सहित) नियमावली, 2022 (यथा संशोधित) में संशोधन की स्वीकृति दी गई।
- राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केन्द्रीय वेतनमान दिनांक 01.07.2024 के प्रभाव से महँगाई भत्ता की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई।
- राज्य सरकार के पेंशनधारियों / पारिवारिक पेंशनभोगियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (छठा केन्द्रीय वेतनमान) में दिनांक 01.07.2024 के प्रभाव से महँगाई राहत की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई।
- राज्य सरकार के कर्मियों को अपुनरीक्षित वेतनमान (पंचम वेतनमान) में दिनांक 01.07.2024 के प्रभाव से महँगाई भत्ता की दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई।
- झारखण्ड कारखाना (संशोधन) नियमावली, 2023 के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई।
- राज्य के चयनित सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बाजार माँगो के अनुसार नवीनतम तकनीकि जानकारी ऑटोमोबाईल निर्माण व्यवसायों (Automobile Manufacturing Trades) में प्रदान करने हेतु झारखण्ड वित नियमावली के नियम 235 को नियम 245 के तहत शिथिल करते हुए मनोनयन के आधार पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, कॉरपोरेट ऑफिस प्लॉट नं0-01, नेल्सन मंडेला रोड, बसंत कुंज, नई दिल्ली के सहयोग से CSR के तहत समझौता ज्ञापन (Memorandom of Understand) हस्ताक्षर करने के लिए मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति दी गई।
- “Ease of Doing Business” के तहत औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तैयार किये गये “Business Reforms Action Plan” के अनुपालन हेतु कारखाना अधिनियम, 1948 के केन्द्रीय अधिनियम संख्या 63 में संशोधन हेतु कारखाना (झारखण्ड संशोधन), विधेयक, 2024 की स्वीकृति दी गई।
- W.P. (S) No-3600/2021 प्रेम कुमार सिंह एवं अन्य में माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय रांची द्वारा पारित न्यायादेश दिनांक 20.09.2022 एवं इससे उदभूत अवमाननावाद संख्या-147/2023 में पारित आदेश के अनुपालन हेतु वादीगण की सेवा नियमितीकरण की स्वीकृति दी गई।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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