मिर्जापुर को मीरपुर, सलामतपुर को श्रीरामपुर… एमपी में उर्दू शब्द वाले 56 गांवों के नाम बदले

मध्य प्रदेश के देवास जिले के 54 गांवों के नाम बदलने की तैयारी है। यह मांग बीजेपी नेताओं ने की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर सहमति जताई है। नाम बदलने की वजह इन गांवों के उर्दू नाम हैं। सरकार का कहना है कि यह भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना के लिए ज़रूरी है। यह खुलासा सोनकच्छ में लाडली बहना योजना के कार्यक्रम में हुआ।

देवास जिले में 54 गांवों के नाम बदलने की चर्चा जोरों पर है। ये नाम ज़्यादातर उर्दू मूल के हैं। बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इन नामों को बदलने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह योजना सरकार के विचाराधीन है और जल्द ही इन गांवों के नए नाम लागू कर दिए जायेंगे। यह मामला मध्य प्रदेश में उर्दू नाम वाले गांवों के नाम बदलने के चल रहे विवाद का हिस्सा है।

देवास बीजेपी जिला अध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने 54 गांवों के नाम बदलने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि ऐसा करना भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना की दिशा में एक अहम कदम होगा। मुख्यमंत्री ने इस मांग पर तुरंत सहमति जताई। उन्होंने कहा कि लंबे समय से उर्दू शब्द वाले गांव के नाम बदलने की योजना सरकार के सामने प्रस्तावित है। इन गांवों के नाम जल्द बदल दिए जाएंगे।

प्रस्तावित नाम परिवर्तनों में मुरादपुर को मुरलीपुरा, हैदरपुर को हीरापुर, शमशाबाद को श्यामपुर, आमला ताज को आमला सिरमौर, हाजीपुर को हर्षपुर, रांडीपुरा को रानीपुर, इस्माइल खेड़ी को ईश्वर खेड़ी, जलालखेड़ी को शिवगढ़, मोची खेड़ी को मोहनपुर, इस्लामनगर को ईश्वर नगर, घटिया गयासुर को देवधाम घटिया, पीर पाडल्या को पवन पाडल्या, चांदगढ़ को चंद्रगढ़, खोन पूर पिपलिया को फॉर्म पिपलिया, मोहम्मदपुर को मोहनपुर, अजीज खेड़ा को अजीत खेड़ा, आजमपुर को अवधपुरी, अलीपुर को रामपुर और बापचा नायता को वापचा पुरा करने जैसे बदलाव शामिल हैं।