क्या होगा जब देश में समान नागरिक संहिता लागू हो जायेगी, पीएम ने लाल किले से किया है जिक्र

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी की 78वीं वर्षगांठ पर देश को सम्बोधित करते हुए एक बार फिर UCC (समान नागरिक संहिता) का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश में रहने वाले सभी धार्मिक समुदायों के लोगों के लिए एक नियम की बात करता है। अनुच्छेद 44 के अनुसार राज्य (सरकार) देश के सभी क्षेत्रों के नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा। इस कानून के तहत शादी-ब्याह, तलाक, रखरखाव, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकार जैसे तमाम अधिकार सभी नागरिकों के लिए एक जैसे होंगे। तो आइये जानते हैं कि देश में अगर समान नागरिक संहिता लागू कर दी गयी तो देश में कौन-कौन से बदलाव नजर आयेंगे।

क्या हैं UCC के प्रावधान

  • बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लग सकती है।
  • लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल की जा सकती है।
  • लिव-इन रिलेशनशिप में पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी किया जा सकता है।
  • विवाह के बाद पंजीकरण करवाना अनिवार्य किया जा सकता है।
  • मुस्लिम धर्म की महिलाओं को बच्चा गोद लेने का अधिकार दिया जा सकता है।
  • लड़कियों का माता-पिता की विरासत पर लड़कों के बराबर अधिकार दिए जा सकते हैं।
  • मुस्लिम धर्म के भीतर इद्दत जैसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
  • पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं तक समान पहुंच प्राप्त होगी।
  • नौकरीपेशा बेटे की मृत्यु होने के बाद बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारी पत्नी पर होगी और उसे मुआवजा दिया जाएगा।
  • अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता-पिता को कोई सहारा नहीं है, तो उनकी देखरेख की जिम्मेदारी पति को सौंपी जाएगी।
  • पति-पत्नी के बीच झगड़े के मामलों में बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी को दी जाएगी।
  • जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रावधान पेश किए जा सकते हैं।
  • आदिवासी समुदायों को यूसीसी से छूट मिलने की संभावना।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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