आज अक्षय तृतीया है। आज के लिए लोग धन देवी लक्ष्मी और धन के देवता से धन-दौलत की कामना करते हैं। मगर राज्य का बिजली विभाग अपनी ‘धन-दौलत’ बढ़ाने के लिए आज बिजली का झटका ने दे दे। 30 अप्रैल को झारखंड विद्युत नियामक आयोग जेबीवीएनएल के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नए बिजली टैरिफ का ऐलान करने वाला है। इसकी तैयारी आयोग ने पूरी भी कर ली है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार वर्तमान बिजली दर में 25 से 50 पैसे तक की बढ़ोतरी हो सकती है। बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात यही रही है कि पिछले दो वर्षों से टैरिफ पर बढ़ोतरी नहीं की गयी है। ऐसा चुनावी वर्ष होने के कारण सम्भवतः किया गया था।
बिजली बढ़ोतरी का जेबीवीएनएल का क्या है प्रस्ताव?
- जेबीवीएनएल ने झारखंड के घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में प्रति यूनिट दो रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
- वर्तमान में शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट है, जिसे 8.65 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। फिक्स्ड चार्ज भी 100 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिमाह करने का प्रस्ताव है।
- ग्रामीण उपभोक्ताओं की दरों में 6.30 रुपये से बढ़ाकर आठ रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। फिक्स्ड चार्ज 75 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है।
- डीएस एचटी यानी कि आवासीय कॉलोनी या अपार्टमेंट की बिजली दर भी 6.25 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 9.50 रुपये करने का प्रस्ताव है। फिक्सड चार्ज भी 150 से बढ़ाकर 250 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव है।
- एनडीएस श्रेणी के कॉमर्शियल उपभोक्ताओं की दर में भी लगभग 4.90 रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव है। वर्तमान दर 6.10 रुपये प्रति यूनिट है जिसे बढ़ाकर 11 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है।
- एचटीएस यानी की औद्योगिक उपभोक्ताओं की दर भी दो रुपये प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव है। एचटीएस-1 श्रेणी के उपभोक्ताओं की दर 5.85 से बढ़ाकर 7.85 रुपये करने का प्रस्ताव है।
सालाना राजस्व बढ़ाना जेबीवीएनएल की प्राथमिकता
राजस्व बढ़ाने के खयाल से जेबीवीएनएल के लिए बिजली दर को बढ़ाना आवश्यक माना जा रहा है। जेबीवीएनएल को सालाना राजस्व 10875.46 करोड़ रुपये चाहिए। आयोग में दायर एनअुल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में जेबीवीएनएल ने घरेलू उपभोक्ताओं से 6433.46 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है। इसमें एनर्जी चार्ज के रूप में 5842.54 करोड़ और फिक्स चार्ज के रूप में 591.13 करोड़ शामिल है। वहीं कॉमर्शियल उपभोक्ता से 1849 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का अनुमान है। एसएस कैटेगरी के उपभोक्ताओं से 64.30 करोड़ रुपये राजस्व की दरकार है। लो टेंशन (एलटी) उपभोक्ताओं से 506.66 करोड़ और सिंचाई (आईएएस) के उपभोक्ताओं से 148.70 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया है। आरटीएस (रेलवे) से 91.30 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का टारगेट रखा है। जबकि एचटी (हाइटेंशन) कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं से 1766.97 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा गया है. एमइएस से 14.31 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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