जो विनेश फोगाट नहीं कर पायीं, अमन सहरावत ने कर दिखाया, घटा लिया 4 KG वजन, फिर जीत लिया ब्रॉन्च

विनेश फोगाल के पेरिस ओलंपिक में डिसक्वालिफाई किये जाने को लेकर देश में भले ही राजनीतिक हो रही है, लेकिन अमन सहरावत के प्रकरण ने साबित कर दिया कि ऐसा होना खेलों का हिस्सा है, और उसको लेकर सबको सचेत रहने के जरूरत है। महिला कुश्ती का फाइनल खेलने से पहले विनेश फोगाट अपने बढ़े हुए 2 किलो वजन के कम करने में असमर्थ रहीं और ओलंपिक के नियमों के अनुसार डिसक्वालिफाई हो गयीं। ऐसा ही कुछ अमन सहरावत के साथ भी हुआ। 58 किलोग्राम वजन वर्ग में भाग ले रहे अमन का तो वजन 4.6 किलो ज्यादा था। लेकिन उन्होंने 10 घंटे मेहनत की और निर्धारित वजन वर्ग के लिए खुद को प्रूव किया।

खबरों के अनुसार पहलवान विनेश फोगाट के वजन बढ़ने के प्रकरण जैसा मामला 57 किलोग्राम वर्ग में भाग ले रहे अमन सहरावत के सामने भी आया था। मगर ब्रॉन्च मेडल के लिए खेले गये मैच से पहले अमन सहरावत ने खूब मेहनत की और अपना वजन घटा लिया। जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार को प्यूर्टो रिको के डरियन टोई क्रूज को 5 के मुकाबले 13 अंकों से मात देकर भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिला दिया।

जापान के पहलवान के साथ सेमीफाइनल मुकाबले के बाद अमन सहरावत का वजन मापा गया। अमन सहरावत का वजन 61 किलो यानी तय सीमा से 4 किलो ज्यादा निकला। फिर क्या था, देश की प्रतिष्ठा की बात थी और अमन सहरावत और उनके कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया ने कड़ी मेहनत की और 10 घंटे की इस मेहनत के बाद अमन सहरावत ने 4 किलोग्राम वजन घटा लिया। जानकारी के मुताबिक अमन सहरावत का वजन 61 से 57 किलोग्राम लाने के लिए दोनों कोच ने खिलाड़ी को 1.5 घंटे तक मैट सेशन करवाया। इसके अलावा अमन सहरावत ने वजन घटाने के लिए 1 घंटे गर्म पानी से भी नहलाया। बताया जा रहा है कि अमन सहरावत ने 1 घंटे दौड़ लगाई। इसके साथ हल्की जॉगिंग की। रात भर हुई मेहनत के बाद अमन का वजन 56 किलो 900 ग्राम पर आ गया यानी 100 ग्राम कम। जबकि विनेश फोगाट रात भर मेहनत करके 100 किलो वजन घटना रह गया और वह डिस्क्वालिफाई हो गयीं।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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