एक समय काला-सफेद धन जमा करने का बड़ा ठिकाना हुआ करता था स्विस बैंक (Swiss Bank), लेकिन खबर है कि भारतीय स्विस बैंकों में जमा अपना पैसा धड़ाधड़ निकाल रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि भारतीय अपना पैसा स्विस बैंकों से निकालने लगे हैं। दरअसल, ऐसा अभी नहीं हुआ है, स्विस बैंकों में भारतीयों पैसों का ढलान पिछले दो वर्षों से जारी है। यह जानकारी स्विस नेशनल बैंक (SNB) द्वारा जारी आंकड़ों से मिली है। आंकड़े बताते हैं कि 2023 में भारतीयों की जो रकम जमा थी उसमें 70 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। इस रकम का भारतीय मुद्रा में आंकलन करें तो यह 9,771 करोड़ रुपये के बराबर है।
आखिर क्यों हो रही स्विस बैंकों से भारतीय पैसों की निकासी?
स्विस बैंकों से भारतीयों द्वारा इस बेतरह अपने पैसों की निकासी की मूल वजह मानी जा रही है स्विस बैंकों के बॉन्ड की कीमतों में काफी गिरावट। 2021 में स्विस बैंकों के बॉन्ड जहां आसमान छू रहे थे, 2023 आते-आते उसमें काफी गिरावट आयी है। आंकड़े बताते हैं कि इनकी कीमत फिसलकर 4 साल के निचले पायदान पर आ गयी है। स्विस नेशनल बैंक (SNB) के अनुसार, फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के फॉर्म में किए गए निवेश में कमी के साथ बॉन्ड की कीमतों में भी कमी आयी है।
अब भी धारकों के नाम उजागर नहीं करते Swiss Bank
स्विस बैंक आज भी अपने उसी सिद्धांत पर कायम है कि उनके यहां किस धारक का कितना पैसा जमा है। धारकों के मामले में बैंक हमेशा चुप्पी साध लेते हैं। वे इस बात का खुलासा कभी नहीं करते हैं, कि जिन लोगों ने या कंपनियों ने उनके यहां फंड में निवेश किया है, उनका नाम किया है और किस वजह से निवेश किया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: T20WC Super 8: ग्रुप 2 से सेमीफाइनल की लड़ाई हुई रोचक, दक्षिण अफ्रीका, इंगलैंड, वेस्ट इंडीज सबके पास मौका