झारखंड में दो लिफाफों ने बढाया सियासी पारा, खुलने पर कौन सा राज़ आएगा बाहर ?

hemant soren cp radhakrishnan

झारखण्ड में आज दो लिफाफों की चर्चा है इन दो लिफाफों की वजह से से राज्य की राजनीति पल-पल एक नया करवट ले रही है. एक सील बंद लिफाफा आज CMO से ED को मिला है तो दूसरा सील बंद लिफाफा आज से कई महीने पहले चुनाव आयोग से झारखंड के महामहिम को मिला था. लिफाफे में क्या है और उसका मजमून क्या है ये तो कोई बता नहीं सकता लेकिन भारतीय संस्कृति और यहाँ की सियासत में आकलन करना और उसके आधार पर चर्चाओं में भाग लेना हमारी फितरत में शामिल है.

सबसे पहले बात सीएम हेमंत सोरेन की… लैंड स्कैम मामले में ED ने जो साक्ष्य इकठ्ठा किये हैं उसकी सच्चाई जानने के लिए वो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ब्यान लेना चाहती है जिससे की मामले दूध का दूध और पानी का पानी हो सके. लेकिन सीएम हेमंत सोरेन को बार – बार समन भेजने के बावजूद भी ED कार्यालय में वे नहीं पहुंचे. ED की साख पर भी सवाल खड़ा होने लगा, गौरतलब है कि सिर्फ झारखंड के सीएम ही नहीं बल्कि दिल्ली के सीएम और बिहार के डिप्टी सीएम के साथ देश के कई बड़े नेताओं ने भी ED पर आरोप लगाते हुए पूछताछ में सहयोग करने से लगातार इनकार किया है.

दरअसल, सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड में हुए लैंड स्कैम और अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए ED 7 बार समन भेज चुकी है और आखिरी बुलावे में तो ED ने सीधे तौर पर सीएम हेमंत से ये तक पूछ लिया की अब आप ही समय और जगह बताइए और 2 दिन के अन्दर इसका जवाब दीजिये. लेकिन इस बुलावे की मियाद में साल 2023 के आखिरी दिन यानी की 31 दिसंबर की रात को ख़त्म हो गयी पर सीएम हेमंत का जवाब नहीं मिला. मंगलवार की दोपहर को एक सील बंद लिफाफा हर बार की तरह सीएम कार्यालय से निकला और ED के रांची कार्यालय तक जा पहुंचा अब उस लिफाफे में क्या लिखा था ये तो आने वाला वक्त ही बतेयागा.

लेकिन कई अटकलों के बीच सीएम हेमंत सोरेन जल्दबाजी में अपने पिता और झारखंड के पूर्व सीएम दिशोम गुरु शिबू सोरेन से मिलने पहुंचे और लगभग 15 मिनट की मुलाकात की, इससे ठीक पहले सीएम की और से 3 जनवरी को शाम साढ़े चार बजे गठबंधन दलों की बैठक के लिए भी फरमान जारी हो गया.

जानें क्या है मामला

आरोप है कि झारखंड में भू-माफिया द्वारा अवैध तरीके से जमीन के मालिकाना हक में बदलाव कर हड़प लिया गया है। ईडी इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में अभी तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के उपायुक्त का पद संभाल चुके हैं।

एक लिफाफा जो राजभवन के दराज में है बंद 

झारखंड के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग की  चिट्ठी को बंद लिफाफे से बाहर नहीं आने दिया और इसके चलते हेमंत सोरेन सरकार कई महीनों तक अनिश्चितताओं के भंवर में फंसी रही। झारखंड से जाते-जाते उन्होंने कहा था  कि आने वाले राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन चाहें तो चुनाव से आई चिट्ठी के आधार पर फैसला कर सकते हैं। उन्होंने इसपर फैसला इसलिए नहीं किया कि क्योंकि इससे राज्य की सरकार अस्थिर हो सकती थी। जाहिर है, जब तक चिट्ठी का रहस्य नहीं खुलता तब तक हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरे की तलवार लटकी रहेगी।

मसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम पर पत्थर खदान की लीज आवंटन पर खड़ा हुए विवाद से जुड़ा है। सीएम रहते हुए खदान की लीज लेने पर इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताते हुए हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग लेकर बीते साल फरवरी में भाजपा राज्यपाल रमेश बैस के पास पहुंची थी। राज्यपाल ने भाजपा की इस शिकायत पर केंद्रीय चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा। इस पर आयोग ने शिकायतकर्ता भाजपा और हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर इस मामले में उनसे जवाब मांगा। दोनों के पक्ष सुनने के बाद चुनाव आयोग ने बीते साल 25 अगस्त को राजभवन को सीलबंद लिफाफे में अपना मंतव्य भेजा था।

अनऑफिशियली ऐसी खबरें तैरती रहीं कि चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को दोषी मानते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है और इस वजह से उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी जानी तय है। राज्यपाल रमेश बैस ने चुनाव आयोग से आए सीलबंद लिफाफे आई चिट्ठी पर चुप्पी साधे रखी और इससे राज्य में सियासी सस्पेंस और भ्रम की ऐसी स्थिति बनी कि सत्तारूढ़ गठबंधन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति एकजुटता जताने के लिए डिनर डिप्लोमेसी, रिजॉर्ट प्रवास और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वास मत का प्रस्ताव पारित करने तक के उपक्रमों से गुजरना पड़ा था।

अबतक हेमंत सोरेन को छह समन जारी

इसी मामले में ईडी पूछताछ के लिए अबतक हेमंत सोरेन को छह समन जारी कर चुका है। ईडी ने नोटिस में यह भी लिखा है कि आपकी जो संपत्ति कब्जे में है उसके संबंध में विवरण प्राप्त करना है।

ईडी ने नोटिस में लिखा है कि आपसे इस मामले में पूछताछ आवश्यक है, क्योंकि इस मामले में जो ईसीआईआर दर्ज किया गया है, उसमें सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है।

समन पर उपस्थित नहीं होने से अनुसंधान में आ रही है बाधा

ईडी ने जारी नोटिस में यह भी लिखा है कि छह समन जारी किया गया, लेकिन आपकी ओर से निराधार कारण बताया गया और आप ईडी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। इस वजह से अनुसंधान में बाधा आ रही है।

ईडी के समन को सीएम ने बताया था दुर्भावना से प्रेरित

पूर्व में भेजे गए छह समन में प्रत्येक का सीएम ने जवाब दिया था। उन्होंने समन को दुर्भावना से प्रेरित बताया था। सीएम ने ईडी पर केंद्र के इशारे पर काम करने व लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया था।

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