लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड मुद्दे से भारतीय राजनीति में काफी कोहराम मचा था। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया। बॉन्ड जारी करने वाले एसबीआई से सुप्रीम कोर्ट ने कम्पनियों के साथ पूरा डाटा मांगा था। यह मुद्दा उठने के बाद लोकसभा चुनाव भी सम्पन्न हो गये। अब यह मुद्दा एक बार फिर उठा है, लेकिन अब मामला दूसरा है। चुनावी बॉन्ड को लेकर अब आयकर विभाग कार्रवाई करने जा रहा है। आयकर विभाग की इस कार्रवाई से राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड देने वाली 1300 कंपनियां मुश्किल में पड़ने वाली हैं। इंफोसिस, एंबेसी ग्रुप, आदित्य बिड़ला ग्रुप, जेएसडब्लू स्टील, टॉरेंट फार्मा, भारती एयरटेल और एलेम्बिक फार्मास्यूटिकल्स जैसी कई कंपनियां आयकर विभाग की नजर में हैं। कम्पनियों में दहशत का ऐसा माहौल बन गया है कि आयकर विभाग से बचने के ये अब वित्त मंत्रालय का रुख करने लगी हैं।
चुनावी बॉन्ड एक ऐसी स्कीम थी, जिसके माध्यम से देश और विदेश की कम्पनियां राजनीतिक पार्टियों को चंदा देती थी। 2018 में शुरू की गयी चुनावी बॉन्ड स्कीम के तहत राजनीतिक पार्टियों को 16,518 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। लेकिन एडीआर और राजनीतिक पार्टियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया था।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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