One Nation, One Election: एक देश-एक चुनाव कराने से जुड़ी कोविंद पैनल (Kovind panel) की सिफारिशें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी गई हैं. समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति भवन जाकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली पैनल ने 18 हजार पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है. वन नेशन वन इलेक्शन पर कमेटी ने 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है.
समिति ने लोकसभा, विधानसभा चुनावों के साथ-साथ पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव कराए जा सकने की सिफारिश की हैं. हालांकि, समिति इनको दो चरणों में लागू करने की सिफारिश की है. जहां पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव और समिति ने संविधान में कुछ संशोधन की भी वकालत की है. इसके तहत कुछ शब्दावली में हल्का बदलाव करने की बात है. ‘एक साथ चुनाव’ को ‘जेनरल इलेक्शन’ कहने का सुझाव दिया गया है.
इसके अलावा लोकसभा-विधानसभा चुनाव के बीच तालमेल बैठने की स्थिति में एक देश – एक चुनाव (One Nation, One Election) की स्थिति बनती है तो यह हर पांच साल पर हुआ करेगा. अगर कोई सदन पांच वर्ष की अवधि से पहले भंग हो गई तो फिर मध्यावधि चुनाव अगले पांच साल के लिए नहीं, बल्कि केवल बचे हुए कार्यकाल के लिए होगा, ताकि अवधि पूरा होने तक राज्य और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकें.
लोकसभा का पांच साल कार्यकाल पूरा होने से पहले यदि किसी राज्य विधानसभा में सरकार गिरती है, त्रिशंकु या अविश्वास प्रस्ताव जैसी स्थिति में लोकसभा के बचे हुए कार्यकाल की अवधि के आधार पर विधानसभा में चुनाव कराएं जाएं. जैसे लोकसभा पांच में एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी और कहीं राज्य में सरकार गिर गई तो विधानसभा चुनाव चार साल का कराया जाए.
इसके साथ ही एकल मतदाता सूची तैयार करने की भी सिफारिश की है और इसके लिए संविधान के कई अनुच्छेदों में संविधान संशोधन की सिफारिश की गई है. राज्य विधानसभा में किसी के सरकार बनाने में सक्षम नहीं होने पर चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, जब तक कि लोकसभा का कार्यकाल पूरा ना हो.
लोकसभा की पहली बैठक के दिन एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रपति 324A के प्रावधान को लागू कर सकते हैं. उसे निर्धारित तिथि कहा जाएगा. इस निर्धारित तिथि के बाद लोकसभा और विस का कार्यकाल पांच साल के लिए होगा. जहां यह कार्यकाल पूरा होने से पहले सरकार गिरती है तो बाकी समय के लिए चुनाव कराया जाने की बात है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली यह उच्च स्तरीय समिति एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम कई अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश की है. फिर 100 दिन के अंदर दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाने की बात भी कही गई है.
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखण्ड -बिहार
ये भी पढ़ें : Hemant Soren के FIR पर कार्रवाई, रांची पुलिस ने ED के अफसरों और मीडिया संस्थानों को भेजा नोटिस, पूछताछ के लिए बुलाया