बाबूलाल मरांडी के मतदान के बाद फोटो लेने पर सियासत तेज़, झामुमो ने गिरिडीह डीसी से की शिकायत

Jharkhand Election News: धनवार विधानसभा क्षेत्र में हो रहे चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी बाबुलाल मराण्डी पर आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। 20 नवम्बर 2024 को संपन्न हो रहे इस चुनाव में, मराण्डी ने मतदान के दौरान अपनी तस्वीर खिंचवाकर उसे सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया। यह पूरी तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता के खिलाफ है, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से लागू की जाती है।

भाजपा प्रत्याशी का विवादास्पद व्यवहार

भाजपा प्रत्याशी का विवादास्पद व्यवहार

आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत किसी भी उम्मीदवार को मतदान करते समय अपनी तस्वीर या वीडियो सार्वजनिक नहीं करने का अधिकार होता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, ऐसा कार्य चुनावी प्रक्रिया में पक्षपाती प्रभाव डाल सकता है। इस घटना में, श्री बाबुलाल मराण्डी द्वारा अपने मतदान केंद्र पर तस्वीर खिंचवाने के बाद उसे वायरल किया गया, जिससे चुनाव के निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं।

यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई और चुनाव आयोग के अधिकारियों का ध्यान खींचा। चुनाव प्रक्रिया के दौरान ऐसी गतिविधियाँ पूरी तरह से प्रतिबंधित होती हैं, क्योंकि इससे मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास हो सकता है। चुनाव आयोग की यह जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करें, ताकि लोकतंत्र की विश्वसनीयता बनी रहे।

चुनाव आयोग से कार्रवाई की उम्मीद

इस मामले में गिरिडीह के जिला निर्वाची पदाधिकारी-सह-उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी से एक शिकायत की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि श्री बाबुलाल मराण्डी ने आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है, और यह मतदाता के तौर पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का भी उल्लंघन है। महासचिव-सह-प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले में जांच करने और त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

साथ ही, इस शिकायत में सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर की छायाप्रति भी संलग्न की गई है, ताकि मामले की गंभीरता को समझा जा सके। अब देखना यह होगा कि जिला निर्वाचन अधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं और क्या श्री मराण्डी के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई होती है।

इस घटना ने चुनावी नियमों और आदर्श चुनाव आचार संहिता की महत्ता को फिर से उजागर किया है। किसी भी उम्मीदवार को चुनावी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता बनाए रखने की आवश्यकता होती है, ताकि वोटरों पर किसी प्रकार का अतिरिक्त प्रभाव न पड़े। चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारी अब इस मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और जरूरी कार्रवाई करेंगे।