Jharkhand Politics: Champai Soren मंत्रिमंडल का विस्तार आज, क्या झारखंड में भी होगा बिहार वाला फार्मूला? इन्हें बनाया जा सकता है मंत्री

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Jharkhand Politics: चंपई सोरेन सरकार का आज मंत्रिमंडल विस्तार होना है. पिछले 15 दिनों से राज्य की जनता इस दिन का बाट जोह रही है. 2 फरवरी को झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद चंपई सोरेन ने अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया है. एक बार मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम तय करने के बाद स्थगित भी करना पड़ा. लेकिन आखिरकार आज नए मंत्री शपथ लेंगे.

सूत्रों के अनुसार झामुमो ने अपने सभी मंत्रियों को रिपीट करने का संकेत दे दिया है। फिर भी इनमें कुछ और नामों की अटकलें लग रही हैं। बसंत सोरेन, स्टीफन मरांडी, सुदिव्य सोनू, मंगल कालिंदी के भी नाम सामने आ रहे है। कहा जा रहा है कि चम्पाई सोरेन मंत्रिमंडल में दो उप मुख्यमंत्री होंगे। पूरी उम्मीद है कि इनमें से एक नाम बसंत सोरेन का होगा, दूसरे उप मुख्यमंत्री के लिए आलमगीर आलम के नाम की चर्चा है। सीता सोरेन के नाम की कोई विशेष चर्चा नहीं हो रही है। शायद झामुमो उनके लिए कुछ और विचार कर रहा है।

वहीं, कांग्रेस के कोटे के मंत्रियों के नाम सामने नहीं आ रहे हैं। सिर्फ अटकलें लग रही हैं। अटकलें तो यह है कि इस बार बादल पत्रलेख और रामेश्वर उरांव मंत्रियों की सूची से बाहर हो सकते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस बन्ना गुप्ता को रिपीट करने पर क्या विचार कर रही है। कांग्रेस से कुछ नये नामों की भी चर्चा हो रही है। इन नामों में मांडर की विधायक नेहा शिल्पी, राजेश कच्छप और जयमंगल सिंह के नाम की भी चर्चा है। हालांकि कांग्रेस के कोटे से मंत्रियों के नामों को लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण तक इन्तजार करें।

क्यों आगे बढ़ानी पड़ी तारीख

झारखंड में महागठबंधन की सरकार है, इसमे झामुमो, कांग्रेस और राजद मिलकर सरकार चला रहे हैं. नए सरकार के गठन के बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद की और कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली. लेकिन इसके बाद कौन विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे, इस पर पार्टी को विचार करने में देरी हुई. सूत्रों की मानें तो झामुमो में तो फिर भी नामों पर मुहर लग गई, लेकिन कांग्रेस में अलग-अलग दावेदारी के कारण पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं. कांग्रेस द्वारा नाम तय करने में देरी के कारण ही शपथ ग्रहण को टालना पड़ा था.

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