Jharkhand Lottery: प्रतिबंध के बावजूद फल-फूल रहा झारखंड में अवैध लॉटरी का कारोबार, खुलेआम बिक रही नागालैंड-बंगाल की लॉटरी

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Jharkhand Lottery: बंगाल का “कुबेर” इनदिनों झारखण्डियों को कंगाल बना रहा है, जी हाँ झारखंड में भले ही लाॅटरी अवैध है। इसके बावजूद प्रदेश के कई जिले में नगालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल की लाॅटरियाें के टिकट खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इस अवैध धंधे के गढ़ हैं धनबाद के झरिया बताया जाता है। निक्की एन्ड कंपनी की कुबेर लॉटरी टिकट बंगाल से झारखंड आते आते कैसे बन जा रहा है दो नंबर और कैसे अवैध धंधेबाज़ धनकुबेर बन रहें है ,इसका खुलाशा कल हुए पाकुड़ मे पुलिसिया करवाई के बाद हुई.

झारखंड मे प्रतिबंध होने के बावजूद अवैध लॉटरी का धंधा फल-फूल रहा है, जिले में कई धंधेबाज इस कारोबार से जुड़े हैँ और उनके द्वारा प्रदेश के कई जिलों मे लाॅटरी के टिकटाें के 1000 से अधिक काउंटर फलफुल रहा हैँ जहाँ रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में कम पढ़े-लिखे और मजदूर आसानी से धंधेबाजाें के झांसे में आ जाते हैं। लत ऐसी कि टिकट खरीदने के लिए कर्ज लेकर सूदखोरों के फंदे में फंसते चले जाते हैं।कल पाकुड़ मे ऐसा ही पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर करवाई करते हुए 1 को धरदबोचा जबकी 4 लोग चकमा दे फरार हो गए. गिरफ्तार धंधेबाज़ से पाकुड़ पुलिस ने 36 लाख का अवैध टिकट भी बरामद की गयी है.

बंगाल का निक्की वर्मा ने झारखंड में अवैध लाॅटरी के नेटवर्क अपने सगिर्द झरिया के जुड़ापोखर का रहने वाला टी अंसारी और ए हुसैन द्वारा फैला रखा है उनके अलग-अलग मार्का हैं, जाे टिकटाें पर दर्ज रहते हैं। इन्ही के इशारे पर कोयलांचल और अन्य जिलों के कई इलाकों मे अजय केशरी, इक़बाल,विजय कुमार,संजय बरनावल जैसे अवैध धंधेबाज भोले भाले लोगो को कंगाल बना खुद मालामाल हो रहें हैँ। ये धंधेबाज़ लाॅटरी बेचने के मामले में जेल भी जाते हैँ पर बाहर आते ही फिर धंधा संभाल लेते हैँ इस धंधे मे अवैध कमाई का हिस्सेदार खाखी और खादी के कुछ लोग भी हैँ जो ऐसे अवैध धंधेबाजों को पनाह दे रखा हैँ. कोयलांचल अकेले में ये धंधेबाज राेजाना 5 से 7 लाख रुपए यानी महीने में 1.5 से 2 कराेड़ रुपए की कमाई कर रहे हैं।ऐसे धंधेबाज़ो के खिलाफ पुलिस-प्रशासन काेई कार्रवाई नहीं कर रहे जिससे इनका धंधा एक बड़े उद्योग का रूप ले चुका इस गोरखधंधे के जरिए लोगों को मालामाल करने का लालच दिया जा रहा है। भोले-भाले लोगों को इस कारोबार में फंसाया जा रहा है। खासकर निर्धन तबके के लोगों को मामूली हिस्से का लालच देकर धंधा कराया जा रहा है।

बहरहाल इस अवैध धंधे से न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि लोग अपनी गाढ़ी कमाई को भी गंवा रहे हैं और चंद मिनटों में करोड़पति बनने के लालच में लोग लॉटरी की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।लॉटरी का धंधा प्रतिबंधित होने के बावजूद कारोबारी बेखौफ हैं।

धनबाद से कुंदन सिंह की रिपोर्ट 

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