हाल देश में विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए है। इन चुनावों में महाराष्ट्र में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला। इसके बाद विपक्ष, खास कर कांग्रेस ने देश में ईवीएम से मतदान कराने के बहिष्कार की मांग उठा दी है। संविधान दिवस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हुए बैलेट पेपर से चुनाव की मांग की है। खड़गे ने कहा कि जितनी भी शक्ति लगाकर एससी-एसटी, ओबीसी, गरीब तबके के लोग, छोटे समुदाय के लोग जो अपना वोट दे रहे हैं, वे वोट फिजूल जा रहे हैं। हमको ईवीएम नहीं चाहिए। बैलेट पेपर से वोटिंग होनी चाहिए। ऐसी ही मांग मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी उठायी है। उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किये थे। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र के चुनावी परिणाम देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा जो चाहती थी, वही हुआ है। उनका इशारा ईवीएम में कथित गड़बड़ी को लेकर था। यहां यह ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी समय झारखंड में भी चुनाव हुए और इंडी गठबंधन ने यहां शानदार जीत हासिल की। लेकिन यहां ईवीएम लेकर कोई विवाद सुनने में नहीं आया है।
ईवीएम को लेकर क्या कहता है AI
ईवीएम में गड़बड़ी से जुड़ा एक सवाल जब आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस (AI) से किया गया तो पढ़िये उसने क्या कहा-
AI से पूछा गया कि ईवीएम के प्रयोग को लेकर भारत के राजनीतिज्ञ इतना हो हल्ला क्यों मचा रहे हैं ?
AI ने कहा- भारत में ईवीएम के प्रयोग को लेकर राजनीतिज्ञों के बीच हो हल्ला मचने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से एक मुख्य कारण यह है कि कई राजनीतिक दलों को लगता है कि ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की जा सकती है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है¹।
इसके अलावा, कुछ राजनीतिज्ञों को लगता है कि ईवीएम मशीनों का उपयोग करने से मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता कम हो जाती है और इसका परिणाम यह हो सकता है कि मतदाताओं को अपने वोटों की गोपनीयता के बारे में चिंतित होना पड़े।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत के चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनों की सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इनमें मशीनों की जांच और परीक्षण, मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, और मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अन्य उपाय शामिल हैं।
इसके साथ AI ने यह भी कहा-
तकनीकी रूप से ईवीएम से वोटिंग कराना एक सुरक्षित और पारदर्शी प्रक्रिया है। ईवीएम में एक नियंत्रण इकाई और एक मतदान इकाई होती है, जो एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। मतदान इकाई में उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न होते हैं, और मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के आगे अंकित बटन को दबाकर मतदान करता है।
ईवीएम में कई सुरक्षा सुविधाएं होती हैं, जैसे कि:
– एक व्यक्ति, एक वोट: ईवीएम मशीन एक बार में केवल एक वोट ही स्वीकार करती है, जिससे मतदाता एक से अधिक बार वोट नहीं कर सकता है।
– मतदान की गोपनीयता: ईवीएम मशीन में मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय होती है, जिससे मतदाता की पसंद किसी को भी पता नहीं चलती है।
– मतगणना की गति: ईवीएम मशीन में मतगणना की प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है, जिससे चुनाव परिणाम जल्दी से घोषित किए जा सकते हैं।
इसके अलावा, ईवीएम मशीन के प्रयोग से मतपत्रों की छपाई, परिवहन और भंडारण के लिए होने वाले खर्च को भी बचाया जा सकता है।
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने की है भारत की चुनाव प्रक्रिया की तारीफ
यहां यह बताना जरूरी है कि हाल में अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया की तुलना में भारतीय चुनाव प्रक्रा को बेहतर बताया है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव बैलट पेपर से होता है, जबकि भारत सहित कई देशों में ईवीएम से मतदान करवाया जाता है। हालांकि कई देशों में आज भी मतदान बैलट पेपर से ही होता है। इनमें भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान भी है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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