ED ने हैदर अली उर्फ़ प्रिंस खान के खि‍लाफ मनी लॉन्‍ड्रिंग का केस किया दर्ज, गिरफ्तारी के लिए ली जा सकती है Interpol की मदद

राज्य में मनी लॉन्‍ड्रिंग के तहत आधा दर्जन से अधिक चर्चित मामलों का अनुसंधान कर रही ईडी ने अब धनबाद के कुख्यात अपराधी प्रिंस खान के विरुद्ध ईसीआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। वह धनबाद के वासेपुर का रहने वाला है।

गैंगस्टार फहीम खान जिनके चरित्र पर अनुराग कश्यप ने एक नहीं बल्कि दो दो पार्ट “गैंग्स ऑफ वासेपुर” नाम से सुपर हिट फिल्म बनाया था,उनके जेल जाने के बाद उनके घर का दरबानी करने वाले प्रिंस खान जो कभी वासेपुर मे सड़क किनारे लगने वाले ठेला खुमचा वाले से दो चार रुपये रंगदारी वसूला करता था आज वह अपराध की दुनिया बेताज़ बादशाह बन गया है, उसने बहुत ही कम समय मे झारखंड बंगाल और यूपी के क्रिमिनल्स को इकट्ठा कर अपना गैंग खड़ा कर डाला जिनका काम है झारखंड बंगाल के व्यवसाइयों से रंगदारी वसूलना नहीं देने पर उन्हे मौत के घाट उतार देना. प्रिंस खान पर झारखंड के विभिन्न थानों मे 50 से भी ज्यादा रंगदारी हत्या जैसे संगीन मामले दर्ज़ हैँ, जब झारखंड और यूपी की पुलिस उसपर और उसके गैंग पर दबिश देने लगी तो वह पुलिस के डर से हिन्दुस्तान छोड़ उसने अपना ठिकाना संयुक्त अरब अमीरात में बना रखा है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस ने इंटरपोल की भी मदद ली है। वह संयुक्त अरब अमीरात से ही अपराध का साम्राज्य चला रहा है और व्यवसायियों में उसने दहशत कायम कर रखा है।

ईडी ने धनबाद व आसपास के जिलों में उसके विरुद्ध दर्ज 50 कांडों को एक साथ जोड़कर एक इंफोर्समेंट केस इंफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज किया है। ये कांड धनबाद को बम से उड़ाने की धमकी देने, व्यवसायियों, कारोबारियों को जान से मारने की धमकी देकर लेवी-रंगदारी वसूलने से संबंधित है।

दिनदहाड़े गोलीबारी कर, चार बड़े व्यवसाइयों का हत्या कर उसके गुर्गों ने प्रिंस खान के नाम पर दहशत कायम कर रखा है, जिससे अब भी भारी मात्रा में लेवी-रंगदारी की वसूली हो रही है। पूर्व में उसने अपने गुर्गों से बम-गोली चलवाकर वीडियो जारी कर उसने पुलिस को कई बार चुनौती भी दे दी है।

fahim khan dhanbad

पुलिस अनुसंधान में भी यह साबित हो चुका है कि प्रिंस खान ने अपराध से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। अब धन शोधन मामले में ईडी सभी संपत्ति की कुंडली खंगालेगी और उसकी जब्ती की कार्रवाई करेगी।

ईडी ने छानबीन में प्रिंस खान के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों को रडार पर रखा है। ईडी को शक है कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने उसकी मदद की, जिसके चलते उसने अपराध जारी रखा और देश भी छोड़कर विदेश में शरण लिया है।

ऐसे सहयोगियों ने प्रिंस खान की मदद से कितनी संपत्ति अर्जित की, ईडी उसका भी पता लगाएगी। प्रिंस खान ने धनबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अपराध से कहां-कहां चल-अचल संपत्ति बनाई है, उसकी भी जानकारी ली जा रही है।

प्रिंस खान तेजी से अपराध की दुनिया में चर्चित होने लगा था। वह फरार चल रहा था। उसने फरार रहने के दौरान ही वर्ष 2021 में अपना पासपोर्ट हैदर अली के नाम से बनवा लिया था। तब पासपोर्ट कार्यालय से धनबाद के बैंक मोड़ थाने में पुलिस सत्यापन के लिए कागजात गए थे।

पुलिस ने प्रिंस खान के विरुद्ध आपराधिक मामला रहते हुए उसके पक्ष में पुलिस सत्यापन रिपोर्ट दे दी थी, जिसके आधार पर उसे पासपोर्ट मिल गया था। उसी पासपोर्ट के आधार पर वह देश छोड़कर भागने में सफल रहा था।

जब वह विदेश भाग गया, तब पूरे मामले की छानबीन हुई तो बैंक मोड़ के तत्कालीन पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद पासपोर्ट रद्द करने की अनुशंसा की गई थी।

धनबाद से कुंदन सिंह की रिपोर्ट 

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