धोनी तो बस 25-30 रन… पर चेन्नई सुपर किंग्स का आगे क्या होगा?

मुम्बई इंडियन्स, चेन्नई सुपर किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद फिलहाल खत्म हुए आईपीएल 2025 के 22 मैचों में से अपने 4-4 मैच हार कर क्रमशः 8वें, 9वें और 10वें नम्बर पर है। मगर इनमें सबसे ज्यादा चर्चा चेन्नई सुपर किंग्स की हो रही है। क्योंकि यह स्टार क्रिकेट झारखंड के महेन्द्र सिंह धोनी की टीम है। धोनी अब खेल के अंतिम पड़ाव पर है, संन्यास लेना या न लेना उनकी अपनी मर्जी है। मगर चेन्नई सुपर किंग्स की मर्जी और आईपीएल में उसका भविष्य क्या है यह भी समझना जरूरी है।

धोनी ऐसे खिलाड़ी है, जिस भी मैच में उतरते हैं, 20-30 रन बना देते हैं। मगर टी-20 फॉर्मेट वाले मैच में सिर्फ कुछ रन बना लेना ही बहुत कुछ है?

धोनी जिस फ्रेंचाइजी से जुड़े हुए हैं, इन्हें जोड़े रहना उनकी फ्रेंचाइजी की विवशता हो सकती है, लेकिन सिर्फ जोड़े रहने से अगर टीम का भला हो रहा हो तो भी बात समझ आती है, लेकिन चेन्नई को एक के बाद एक जिस प्रकार से हार मिल रही है,  उससे टीम से ज्यादा धोनी पर सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि लोग मानने लगे है कि धोनी अब टीम पर बोझ बनते जा रहे हैं।

आपको याद होगा सचिन जिस समय क्रिकेट के अपने अंतिम दौर में थे और उन्हें अपने सौवें शतक के लिए 1 शतक की जरूरत थी, इसके लिए उन्हें लम्बे समय तक इन्तजार करना बड़ा था। उसी दौर की ही बात करें तो उसी समय दक्षिण अफ्रीकी टीम में जैक कैलिस जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी थे।  कैलिस उम्र में सचिन से बड़े भी और उस दौरान जब सचिन से रन नहीं बन रहे थे तब कैलिस ने दोहरे शतकों के साथ कुछ शतक भी जड़े थे। कहने का तत्पर्य यह है कि अगर आप फिट हैं, टीम के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं तब तब तो ठीक है, लेकिन अगर अगर आप वाकई खेल से प्रेम करते हैं, तो दूसरे प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के लिए रास्ता छोड़ देना चाहिए।यहां कपिल देव का भी उदाहरण प्रासंगिक है जिन्होंने रिकॉर्ड बनाने के लिए कई मैचों में टीम पर बोझ बने रहे। अभी एक दिन पहले आस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर विल पुकोवस्की ने मात्र 27 साल की उम्र में संन्यास ले लिया।

बात करे, चेन्नई सुपर किंग्स टीम की तो टीम संतुलित है, और दिग्गज खिलाड़ियों से भरी हुई है। लेकिन इस सीजन में जिस तरह से उसका प्रदर्शन चल रहा है, उससे उसके क्वालिफाई करने पर संदेह उत्पन्न जरूर हो गया है। चेन्नई को अभी कुल 9 मैच खेलने है, यह तो दावे से नहीं कहा जा सकता कि चेन्नई बाकी बचे सभी मैच जीत लेगी, क्योंकि दूसरी टीमें जिस प्रकार का प्रदर्शन कर रही है, उससे बाकी बचे मैचों में शत-प्रतिशत जीत की सम्भावना कम है। चेन्नई इसके बाद जितने मैच हारती जायेगी, क्वालिफाई करने की सम्भावना उतनी घटती जायेगी। इसका असर चेन्नई की टीम पर तो पड़ेगा ही  प्रभाव धोनी पर भी पड़ना तय है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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