LabelRanchi : झारखंड पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय ने पूरे राज्य में लंबित आपराधिक मामलों के तेजी से निपटारे के लिए बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। इसके तहत पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को अपने-अपने रेंज में लंबित कांडों की व्यापक समीक्षा एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
इन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे 15 दिनों के भीतर सभी जिलों के लंबित मामलों की स्थिति की समीक्षा कर लें और पुलिस कार्रवाई को तेजी से आगे बढ़ाएं।
60 और 90 दिनों में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
जारी आदेश के मुताबिक, सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि लंबित कांडों की अंतिम रिपोर्ट प्राथमिकी दर्ज होने की तारीख से 60 दिन और 90 दिन के अंदर संबंधित न्यायालय में जमा कर दी जाए।
साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी रिपोर्ट सीसीटीएनएस सिस्टम के माध्यम से अपलोड की जाएं, ताकि निगरानी और मॉनिटरिंग आसान हो सके।
इन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
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आईजी मनोज कौशिक – रांची रेंज
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डीआईजी वाई.एस. रमेश – संथाल परगना और हजारीबाग रेंज
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डीआईजी कार्तिक एस – कोयला क्षेत्र, बोकारो रेंज
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डीआईजी चंदन झा – कोल्हान रेंज
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एसपी एहतेशाम वकारीब – पलामू रेंज
इन अधिकारियों को अपने क्षेत्र में लंबित कांडों की समीक्षा करके प्रगति रिपोर्ट डीजीपी कार्यालय को भेजनी होगी।
लंबित मामलों पर होगी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
लंबित मामलों के निपटारे को लेकर शनिवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अभियान करेंगे।
बैठक में लंबित कांडों की संख्या, प्रगति और बाधाओं पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
एक महीने में 6,115 मामले निपटाए गए
झारखंड पुलिस ने पिछले एक महीने में लंबित मामलों के निपटारे पर विशेष फोकस किया है। इस अवधि में कुल 6,115 पुराने मामले निपटाए गए हैं।
सबसे अधिक मामलों का निपटारा करने वाले जिले:
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हजारीबाग — 939 मामले
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धनबाद — 709 मामले
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रांची — 689 मामले
यह उपलब्धि प्रशंसनीय है, लेकिन चुनौती अब भी बड़ी है।
राज्य में अभी भी 48 हजार से अधिक मामले लंबित
तेजी से काम होने के बावजूद झारखंड के विभिन्न थानों में अभी भी 48,287 आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें हत्या, डकैती, बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों से लेकर चोरी और मारपीट जैसे सामान्य मामले शामिल हैं।
राज्य पुलिस अब इन लंबित मामलों को कम करने के मिशन में जुट गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीनों में इन मामलों का निपटारा तेज गति से होगा।