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बिना सिम के बंद हो जाएंगे WhatsApp और Telegram समेत कई मैसेजिंग ऐप्स

भारत सरकार ने WhatsApp, Telegram, Signal और अन्य मैसेजिंग ऐप्स के लिए सिम बाइंडिंग को अनिवार्य कर दिया। जानें क्या है Sim Binding नियम और कैसे यह साइबर अपराध व डिजिटल फ्रॉड को रोकने में मदद करेगा।

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भारत सरकार ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य मैसेजिंग ऐप्स के लिए सिम बाइंडिंग (Sim Binding) को अनिवार्य कर दिया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से साइबर अपराध और डिजिटल फ्रॉड कम करने में मदद मिलेगी।


सिम बाइंडिंग नियम कब लागू होगा?

28 नवंबर को दूरसंचार विभाग (DoT) ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि अगले 90 दिनों के भीतर सिम बाइंडिंग नियम लागू हो जाएंगे। इसका मतलब है कि अगर किसी डिवाइस में सिम मौजूद नहीं होगा, तो उस पर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।

90 दिन के बाद, ऐप हर 6 घंटे में ऑटोमैटिक लॉग इन करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिम अभी भी डिवाइस में मौजूद है।


दूरसंचार विभाग की चेतावनी

विभाग ने सभी ऐप सेवा प्रदाताओं को निर्देश दिया है कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करें। इसके अलावा, अगले 120 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी।

विभाग ने चेतावनी दी कि अगर कंपनियां इन निर्देशों का पालन नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।


कौन-कौन से ऐप्स प्रभावित होंगे?

सिम बाइंडिंग का यह आदेश भारत में मौजूद सभी मैसेजिंग ऐप्स पर लागू होगा। इसमें शामिल हैं:

  • WhatsApp

  • Telegram

  • Signal

  • Aratai

  • Snapchat

  • ShareChat

  • JioChat

  • Josh


सिम बाइंडिंग क्या है?

सिम बाइंडिंग का मतलब है कि किसी ऐप में एक सिम से रजिस्ट्रेशन करने पर, ऐप केवल उसी डिवाइस पर खुलेगा जिसमें वह सिम मौजूद है।

  • अगर आप डिवाइस से सिम निकाल देते हैं, तो ऐप खुद-ब-खुद लॉग आउट हो जाएगा।

  • ऐप को किसी अन्य डिवाइस में नहीं खोला जा सकेगा।


सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?

सरकार का तर्क है कि सिम बाइंडिंग से साइबर अपराध और डिजिटल फ्रॉड पर लगाम लगेगी।

  • 2024 में भारत को साइबर धोखाधड़ी से लगभग 22,800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

  • सीमा पार मौजूद साइबर अपराधी अक्सर मैसेजिंग ऐप्स के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं।

  • सिम बाइंडिंग से यह सुनिश्चित होगा कि आपके ऐप प्रोफाइल को बिना सिम के कोई और अपने फोन में नहीं खोल सके।

इससे डिजिटल फ्रॉड और साइबर अपराध पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

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