Labelभागलपुर: मानिक सरकार घाट पर पिछले दो दिनों से तेज कटाव के बाद रविवार से कटाव निरोधी कार्य शुरू कर दिया गया। पहले ही दिन करीब 2000 जियो बैग नदी में डाले गए, लेकिन पानी की अधिक गहराई के कारण सभी बैग धारा में समा गए।
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, नदी किनारे पानी की गहराई लगभग 7 फीट, जबकि धारा के अंदर 15 फीट तक है। इसी वजह से जियो बैग लगातार नीचे धंसते जा रहे हैं। कटाव को लेकर आसपास के मोहल्लों में दहशत थी, लेकिन कार्य शुरू होने से स्थानीय लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
कनीय अभियंता अमित कुमार दलबल के साथ सुबह से घाट पर तैनात रहे। दोपहर से जियो बैग में भरे बालू को नावों के जरिए नदी तल तक ले जाकर गिराने का काम तेज किया गया। अभियंता ने बताया कि नदी के निचले हिस्से में जियो बैग डालने से मिट्टी खिसकने का खतरा कम होगा, लेकिन तेज धारा वाले बीच हिस्से में खतरा अभी भी बना हुआ है।
कटाव निरोधी कार्य लगातार तीन दिनों तक चलने की उम्मीद है। नाथनगर दियारा क्षेत्र से जियो बैग में बालू भरकर दो नावों के माध्यम से घाट तक पहुंचाया जा रहा है।
50 मीटर लंबाई में कटाव, कई घर खतरे में
घाट किनारे करीब 50 मीटर लंबा और 22 फीट चौड़ा कटाव हुआ है। गहराई लगभग 30 फीट तक चली गई है, जिस कारण कई आवासीय भवनों पर गिरने का खतरा मंडरा रहा था।
स्थायी समाधान: बोल्डर बिछाने की मांग
स्थानीय निवासी ई. रवि कुमार ने कहा कि प्रशासन से नदी तट पर बोल्डर बिछाने की मांग की गई थी। उनका कहना है कि जियो बैग का असर लंबे समय तक नहीं रहेगा और स्थायी समाधान बोल्डर ही है। प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।