Labelरांची। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं की आय में स्थायी बढ़ोतरी करना है, ताकि लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन न करें।
वे बीएनआर होटल, रांची में आयोजित टाटा ट्रस्ट के सीनी कंफ़्लेव – लखपति किसान कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा सहित कई योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण परिवारों की आजीविका मज़बूत करने की दिशा में सतत प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि महिला समूहों (SHG) और किसान उत्पादक संघों (FPOs) के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय समुदाय को वास्तविक फायदा मिल रहा है।
विस्थापन आयोग का गठन—खनन कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित
मंत्री ने कहा कि झारखंड में विस्थापन एक प्रमुख समस्या रही है, इसलिए सरकार ने अब विस्थापन आयोग का गठन किया है।
इससे खनन कंपनियों पर विस्थापित परिवारों की ज़िम्मेदारी स्पष्ट होगी और विस्थापितों के पुनर्वास और अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि सीनी के सहयोग से कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य हो रहा है, खासकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में।
कार्यक्रम के दौरान ‘लखपति किसान’ पत्रिका का विमोचन किया गया और मंत्री ने अपने क्षेत्र के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया।
कृषि विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण सलाह
“उत्पाद की गुणवत्ता बनाए रखना ज़रूरी”—कृषि निदेशक भोर सिंह यादव
कृषि निदेशक ने कहा कि किसान उत्पादक संघ (FPOs) को अपने उत्पादों की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उच्च गुणवत्ता ही उपभोक्ताओं का भरोसा बनाए रखती है।
उन्होंने सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया:
किसानों से अपील की कि वे इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएँ।
“सोच बदलेंगे तो व्यवसाय बढ़ेगा”—विशेष सचिव प्रदीप कुमार हजारी
कृषि विभाग के विशेष सचिव ने कहा कि आज की कृषि में नवाचार और व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सरकार किसानों के लिए कई योजनाएँ चला रही है, जिन्हें अपनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम में शामिल रहे
सीनी के