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झारखंड

ANEI सम्मेलन में प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉ. संजय कुमार का प्रेरक संबोधन — ब्रेन स्ट्रोक सर्जरी के भविष्य और AI की भूमिका पर रखे अहम विचार, झारखंड में होगा अगला सम्मेलन

पूर्वी भारत(India) के प्रमुख न्यूरोलॉजिकल संगठन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोसाइंटिस्ट्स ऑफ ईस्ट इंडिया (ANEI) के वार्षिक सम्मेलन में देश के प्रख्यात न्यूरोसर्जन एवं ANEI के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने प्रतिष्ठित ‘प्रेसिडेंशियल ओरेशन (Presidential Oration)’ प्रस्तुत किया।

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पूर्वी भारत के प्रमुख न्यूरोलॉजिकल संगठन एसोसिएशन ऑफ न्यूरोसाइंटिस्ट्स ऑफ ईस्ट इंडिया (ANEI) के वार्षिक सम्मेलन में देश के प्रख्यात न्यूरोसर्जन एवं ANEI के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने प्रतिष्ठित ‘प्रेसिडेंशियल ओरेशन (Presidential Oration)’ प्रस्तुत किया।

यह सम्मेलन हाल ही में असम के दिब्रूगढ़ में आयोजित हुआ, जिसमें पूर्वी भारत के 12 राज्यों से आए प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

ANEI का यह वार्षिक सम्मेलन हर वर्ष अलग-अलग राज्य में आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में नई जानकारियों का आदान-प्रदान, अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।

अपने प्रेसिडेंशियल ओरेशन के दौरान डॉ. संजय कुमार ने ब्रेन स्ट्रोक सर्जरी विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने “Past, Present and Future of Brain Stroke Surgery” विषय पर बोलते हुए बताया कि मस्तिष्क स्ट्रोक के इलाज में किस प्रकार वर्षों में बदलाव आए हैं और आने वाले समय में यह क्षेत्र और भी उन्नत होने जा रहा है।

उन्होंने नवीनतम न्यूरोसर्जिकल तकनीकों, अनुसंधान में हो रहे नवाचारों और विशेष रूप से Artificial Intelligence - AI के Brain and Spine सर्जरी में प्रभावी उपयोग पर प्रकाश डाला। डॉ. कुमार ने बताया कि AI भविष्य में स्ट्रोक मैनेजमेंट (Stroke Management) के स्वरूप को पूरी तरह बदल देगा और इससे न केवल सर्जिकल प्रिसिशन बढ़ेगी बल्कि मरीजों के उपचार परिणामों में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा जगत में सहयोगात्मक शोध (Collaborative Research) ही दीर्घकालिक प्रगति की कुंजी है, जिससे न्यूरोलॉजिकल केयर को और अधिक उन्नत बनाया जा सकता है।

ANEI सम्मेलन के दौरान डॉ. संजय कुमार के विचारों को उपस्थित सभी विशेषज्ञों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने अत्यंत प्रेरणादायक बताया। उनके ओरेशन को सम्मेलन का मुख्य आकर्षण माना गया, जिसने न केवल उनके नेतृत्व और गहन विशेषज्ञता को प्रदर्शित किया, बल्कि न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान और समर्पण को भी सम्मानित किया।

डॉ. संजय कुमार ने अपने संबोधन के अंत में यह संदेश दिया कि “विज्ञान और तकनीक का सम्मिलन तभी सार्थक है जब उसका लाभ आम मरीज तक पहुंचे। हमें मिलकर ऐसा स्वास्थ्य तंत्र बनाना होगा, जो सुलभ, सटीक और प्रभावी हो।”

साथ ही ये भी जानकारी दी की अगले साल ये वार्षिक सम्मलेन झारखंड में किया जायेगा. ANEI की यह वार्षिक बैठक पूर्वी भारत के न्यूरोसाइंस समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई, जिसने ज्ञान-साझाकरण और चिकित्सा नवाचार के नए मार्ग खोले।

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