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Google DeepMind बनाएगा दुनिया की पहली फ्यूचरिस्टिक साइंस लैब, रिसर्च होगा ऑटोमैटिक

Google DeepMind यूके में दुनिया की पहली फ्यूचरिस्टिक साइंस लैब बना रहा है, जहां AI और रोबोट ऑटोमैटिक रिसर्च करेंगे। बैटरी, हेल्थकेयर, सेमीकंडक्टर में नई खोजें होंगी।

Google DeepMind एक ऐसी क्रांतिकारी पहल शुरू करने जा रहा है, जो विज्ञान की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। कंपनी यूके में दुनिया की पहली ऐसी फ्यूचरिस्टिक साइंस लैब स्थापित कर रही है, जहाँ पूरा रिसर्च वर्क AI और रोबोट के द्वारा किया जाएगा। यह हाई-टेक लैब UK सरकार के सहयोग से बनाई जा रही है और इसका उद्देश्य बैटरी, सेमीकंडक्टर, हेल्थकेयर और रिन्यूबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों के लिए नए मैटेरियल की खोज करना है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत अगले साल हो जाएगी। इसमें AI ही तय करेगी कि किस सैंपल पर कौन-सा टेस्ट करना है और रोबोट उसी निर्देश के अनुसार पूरे प्रयोग को पूरा करेंगे।


गूगल का दावा: “हर दिन सैकड़ों सैंपल का ऑटोमैटिक टेस्ट होगा”

Google ने अपने आधिकारिक ब्लॉग में बताया कि नई लैब में एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जो रोजाना सैकड़ों मैटेरियल सैंपल को ऑटोमैटिकली सिंथेसाइज और टेस्ट कर सकेगा।
इस प्रक्रिया का पूरा संचालन DeepMind के AI मॉडल Gemini और उन्नत रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी द्वारा किया जाएगा।

अभी तक यह कार्य वैज्ञानिक मैनुअली करते रहे हैं, जिसमें भारी समय, संसाधन और मानवीय गलती की संभावना रहती है। लेकिन नई लैब में AI स्वयं निर्णय लेगा:

  • किस सैंपल पर क्या टेस्ट होगा

  • कौन-सी प्रक्रिया पहले की जानी चाहिए

  • परिणामों का विश्लेषण किस तरह किया जाएगा

रोबोट इन सभी AI-निर्देशों को वास्तविक रूप से निष्पादित करेंगे।


पूरी तरह ऑटोमैटिक रिसर्च प्रोसेस, लेकिन वैज्ञानिक निगरानी जरूरी

Google ने कहा है कि यह दुनिया की पहली पूर्णतः ऑटोमैटिक साइंस लैब होगी, हालांकि पूरी प्रक्रिया में मानव विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे।

  • AI व रोबोट लैब के नियमित और तकनीकी कार्य संभालेंगे

  • वैज्ञानिक टीम महत्वपूर्ण चरणों पर नजर रखेगी

  • हर डेटा और रिसर्च परिणाम की मानवीय गुणवत्ता जांच होगी

इससे शोध कार्य तेज, सटीक और कम लागत में पूरा हो पाएगा।

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