UPI Lite को सितंबर 2022 में शुरू किया गया था. यूपीआई से पैसों के लेन देन प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए लॉन्च किया गया था. इसे कई प्लेटफॉर्म पर शुरू भी किया जा चुका है. इसकी मदद से आप आसानी से यूपीआई ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, जिसके लिए पिन और अन्य जानकारी भरने की आवश्यकता नहीं होगी.
यूपीआई लाइट सर्विस वर्तमान में यूजर्स को अपने वॉलेट में ₹2,000 तक लोड करने और ₹500 तक का पेमेंट करने में मदद करती है लेकिन अब इसमें बदलाव होने जा रहा है। प्रपोज इंटीग्रेशन के तहत यूजर्स को अब अपने UPI लाइट वॉलेट के लिए एक ऑटो-रिफील फीचर (auto-replenishment feature) का फायदा होगा। इसका मतलब यह है कि यदि वॉलेट बैलेंस यूजर्स के तय लिमिट से नीचे चला जाएगा तो पैसा उनके बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिकली ट्रांसफर हो जाएगा। इससे अतिरिक्त वैरिफिकेशन या प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की जरूरत खत्म हो जाएगी।
आसान हो जाएगा UPI Lite से पेमेंट
इस कदम के पीछे तर्क बताते हुए आरबीआई ने यूपीआई लाइट ट्रांजेक्शन को पहले से बेहतर बनाने की जरूरत पर फोकस किया है। यूपीआई लाइट को ई-मैंडेट ढांचे के दायरे में लाकर आरबीआई का टारगेट ग्राहकों के लिए परेशानी मुक्त डिजिटल पेमेंट के साथ छोटे वैल्यू के ट्रांजेक्शन सर्विस को बेहतर करना है।