बसंत पंचमी की आज हो चुकी है शुरुआत, फिर 14 फरवरी को क्यों मां सरस्वती की आराधना, जानें क्या है शुभ मुहूर्त?

Basant Panchami has started today, then why worship on 14th February?

भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का दिन है। यह संयोग है कि 14 फरवरी प्रेम दिवस अर्थात वैलेंटाइन डे के दिन बसंत पंचमी पड़ रही है। मां सरस्वती की आराधना और बसंत पंचमी एक दूसरे से जुड़े हैं। वैसे तो  इसे बसंत पंचमी कहा जाता है, किन्तु इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत नहीं होती। वास्तव में बसंत ऋतु की शुरुआत चैत्र माह से होती है, ऋतुओं के वर्गीकरण के अनुसार माघ और फाल्गुन मास में शिशिर ऋतु रहती है। ज्योतिषी गणना में भी पिछले हजारों सालों में वसंत पंचमी पर कभी वसंत ऋतु शुरू हुई ही नहीं। दरअसल, इस दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इस दिन को श्री पंचमी भी कहा जाता है। मां सरस्वती का जन्म इस दिन होने के कारण इसे बंसत का मानद सम्मान दिया गया है।

बसंत पंचमी का पर्व मुख्य रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इसी दिन देवी सरस्वती हाथों में पुस्तक, वीणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान होकर प्रकट हुई थीं। शास्त्रों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली भी प्रसन्न होती हैं। तो मां सरस्वती की पूजा करने से पहले जान ले 2024 में सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनायी जाती है। इस वर्ष बसंत पंचमी की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर हो चुकी है। चूंकि भारतीय संस्कृति में उदयातिथि का विशेष महत्व होता है, इसले अगले दिन यानी 14 फरवरी मां सरस्वती की पूजा की जायेगी। बसंत पंचमी का समापन दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। 14 फरवरी को वसंत पंचमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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