देश की राजनीतिक पार्टियों को दिये जाने वाले चुनावी बॉन्ड को अवैध करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से बॉन्ड से सम्बंधित पूरा डाटा मांगा था। SBI द्वारा चुनाव आयोग को मुहैया कराये गये डाटा से संतुष्ट नहीं होने के बाद उसे आदेश दिया था कि बिना कोई जानकारी छुपाये बिना सारी जानकारी चुनाव आयोग को मुहैया कराये। उसके बाद बैंक ने यूनिक कोड समेत सारी जानकारी मुहैया करा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने डाटा पर आपत्ति जताते हुए यूनिक नंबर समेत बॉन्ड से संबंधित पूरा डाटा 21 मार्च तक आयोग को देने को कहा था।
15 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिये जाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक सुप्रीम कोर्ट को आंकड़े मुहैया करा रहा है। जिसे निर्वाचन आयोग अपनी साइट पर अपलोड कर रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट SBI द्वारा पहले उपलब्ध कराये जा रहे आंकड़े और बैंक के रवैये से खुश नहीं था। साथ ही कोर्ट ने SBI से एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा था जिसमें उसे यह बताना है कि उसने कोई डाटा नहीं छिपाया है।
चुनावी बॉन्ड से किस पार्टी को मिला कितना धन?
- भाजपा – 6,986.5 करोड़ रुपये
- कांग्रेस – 1,334.35 करोड़ रुपये
- टीएमसी – 1,397 करोड़ रुपये
- डीएमके – 656.5 करोड़ रुपये
- बीजेडी – 944.5 करोड़ रुपये
- वाईएसआर कांग्रेस – 442.8 करोड़ रुपये
- तेदेपा – 181.35 करोड़ रुपये
- सपा – 14.05 करोड़ रुपये
- अकाली दल – 7.26 करोड़ रुपये
- एआईएडीएमके – 6.05 करोड़ रुपये
- नेशनल कॉन्फ्रेंस – 50 लाख रुपये
- बीआरएस – 1,322 करोड़ रुपये
चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली प्रमुख कंपनियां
- फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज – 1,368 करोड़ रुपये
- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – 966 करोड़ रुपये
- क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड – 410 करोड़ रुपये
- वेदांता लिमिटेड – 400 करोड़ रुपये
- हल्दिया एनर्जी लिमिटेड – 377 करोड़ रुपये
- भारती ग्रुप – 247 करोड़ रुपये
- एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड – 224 करोड़ रुपये
- वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन – 220 करोड़ रुपये
- केवेंटर फूडपार्क इन्फ्रा लिमिटेड – 194 करोड़ रुपये
- मदनलाल लिमिटेड – 185 करोड़ रुपये
- डीएलएफ ग्रुप – 170 करोड़ रुपये
- यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल – 162 करोड़ रुपये
- उत्कल एल्यूमिना इंटरनेशनल – 145.3 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड – 123 करोड़ रुपये
- बिड़ला कार्बन इंडिया – 105 करोड़ रुपये
- रूंगटा संस – 100 करोड़ रुपये
- डॉ रेड्डीज – 80 करोड़ रुपये
- पीरामल एंटरप्राइजेज ग्रुप – 60 करोड़ रुपये
- नवयुग इंजीनियरिंग – 55 करोड़ रुपये
- शिरडी साई इलेक्ट्रिकल्स – 40 करोड़ रुपये
- सिप्ला लिमिटेड – 39.2 करोड़ रुपये
- लक्ष्मी निवास मित्तल – 35 करोड़ रुपये
- ग्रासिम इंडस्ट्रीज – 33 करोड़ रुपये
- जिंदल स्टेनलेस – 30 करोड़ रुपये
- बजाज ऑटो – 25 करोड़ रुपये
- सन फार्मा लैबोरेटरीज – 25 करोड़ रुपये
- मैनकाइंड फार्मा – 24 करोड़ रुपये
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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