राजधानी के करीब कानोता बांध पर गुरुवार को बरसों बाद फिर चादर चलने लगी। बांध बनने के बाद 24 वर्ष में दूसरी बार चादर चली है। बुधवार को भारी बारिश से बांध में करीब 6 इंच पानी की आवक हुई जो गुरुवार तक लगातार बनी रही और बांध पर चादर चलना शुरू हो गई। सिंचाई विभाग के अनुसार बांध की भराव क्षमता 17 फीट है। मंगलवार तक बांध में पानी की सीमा 16 फीट 5 इंच के लगभग थी। इसके साथ ही जयपुर ग्रामीण इलाके के शिव की डूंगरी, चंदलाई, गूलरबांध, रामचन्द्रपुरा बांध पर गुरुवार को चादर चल गई। चंदवाजी इलाके में गुरुवार शाम पांच बजे फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया। करीब दो घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई।
बांडी व ढूंढ नदी में आया पानी
जयपुर में हुई तेज बारिश के बाद ढूंढ नदी में पानी का स्तर बढ़ने से बस्सी उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत सांभरिया से शिवदासपुरा को जोड़ने वाले दोनों सड़क मार्ग बंद हो गए। दोनों तरफ वाहनों की कतार लग गई। तेज बहाव के कारण नदी क्षेत्र के आस-पास निचले हिस्से में रहने वाले लोगों को खासी परेशानी हुई।
नदी को चुनरी ओढ़ाने की रस्म निभाई
नदी के तेज बहाव में बाड़ा-पदमपुरा मार्ग पर बनी रपट पर बाइक सवार एक व्यक्ति गिर गया, जिसे युवाओं ने बचाया। वहीं मानपुरा माचेड़ी में नाले में पानी के बहाव में जीप पलट गई। चंदवाजी के पीलवा घाटी में पहाड़ी से पत्थर गिर गए, इससे रास्ता बंद हो गया। रास्ता बंद होने से छह गांवों की आवाजाही रुक गई। आठ साल बाद तेज बारिश के कारण बांडी नदी में पानी आया तो बांसा कुशलपुरा, राजावास समेत आसपास के गांवों के बाशिंदों ने खुशी जाहिर करते हुए नदी को चुनरी ओढ़ाने की रस्म निभाई।