क्या अब लोगों को लगेगी मंकी पॉक्स की वैक्सीन, सीरम इंस्टीच्यूट ने शुरू की तैयारी

Will people get monkeypox vaccine now? Serum Institute has started preparations

अफ्रीकी देशों में कहर बरपाने के बाद मंकी पॉक्स नामक महामारी भारत के पड़ोस में पहुंच चुकी है। एशियाई देशों में पाकिस्तान पहला देश है जहां इस महामारी ने दस्तक दी है। पाकिस्तान में अब तक 4 मामले पकड़ में आ चुके हैं। इस महामारी के पाकिस्तान पहुंचने के बाद भारत भी अलर्ट मोड में आ चुका है। महाराष्ट्र में तो राजनीतिक पार्टियां मांग भी करने लगी हैं कि पाकिस्तान और अफ्रीका देशों से आने वाले यात्रियों की न सिर्फ जांच की जाये, बल्कि उनमें लक्षण पाये जाने के बाद उन्हें पृथकवास (Isolation) में भी रखा जाये।

भारत में भी दस्तक देने वाले इस सम्भावित खतरों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि उसने एमपॉक्स की एक वैक्सीन पर काम करना शुरू कर दिया है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, ‘एमपॉक्स के प्रकोप के कारण घोषित ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी के मद्देनजर,लाखों लोगों की मदद के लिए हम एक वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे हैं. उम्मीद है कि एक साल के अंदर हमारे पास अच्छी खबर होगी.’ बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने ही कोरोना की वैक्सीन विकसित की थी, जिसका भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया गया था और लाखों की जान बचायी जा सकी थी।

क्या है मंकी पॉक्स?

यह एक वायरल बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस से होती है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है। इस वायरस की पहचान पहली बार 1958 में हुई थी जब बंदरों में ‘पॉक्स जैसी’ बीमारी का प्रकोप हुआ था। मंकी पॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रामक त्वचा या मुंह या जननांगों जैसे अन्य घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में अधिकांश मामले सामने आ चुके हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह संक्रमण कपड़ों या लिनेन जैसी दूषित वस्तुओं के उपयोग, टैटू की शॉप, पार्लर या अन्य पब्लिक जगहों पर यूज होने वाली कॉमन चीजों से भी फैल सकता है। संक्रमित पशुओं के मनुष्यों को काटने, खरोंचने आदि से भी यह फैल सकता है।

मंकी पॉक्स के लक्षण क्या हैं?

शरीर पर चकत्ते बनना शुरू हो जाते हैं। ये चकत्ते चेहरे पर या प्राइवेट पार्ट्स के आसपास हो सकते हैं। इसके अलावा चकत्ते सफेद, पीली फुंसियों में तब्दील हो सकते हैं जिनमें पस भर जाता है।

इसके अलावा चकत्ते में खूब खुजली और दर्द होता है। मरीज को सिरदर्द रहने के साथ ही मसल्स में पैन होने लगता है। बच्चे, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी के लोगों को इस वायरस को लेकर विशेष एहतियात बरतने की जरूरत होती है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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