जागरूकता फैलाने का एक सशक्त माध्यम है ‘व्हिस्पर कैंपेन’, हेमंत सोरेन ने क्यों जतायी है आपत्ति?

झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है। शाम चार बजे के बाद से चुनाव प्रचार का शोर थमने लगेगा और पांच बजे यह पूरी तरह बंद हो जायेगी। इसके बाद चुनाव आयोग के निर्देश के बाद किसी भी प्रत्याशी और पार्टी को किसी प्रकार की अपील करने की मनाही हो जायेगी। इसके बाद शेष रह जायेगा 20 नवम्बर को दूसरे चरण का मतदान और 23 नवम्बर को चुनाव परिणाम।

दूसरे चरण के भी चुनाव प्रचार के अंतिम क्षणों में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झामुमो कार्यकर्ताओं से बोल्ड होकर विपक्ष को जवाब देने की अपील की है। हेमंत सोरेन ने यह अपील X प्लेटफॉर्म पर की है। हेमंत सोरेन ने भाजपा पर ‘व्हिस्पर कैंपेन’ चलाने का आरोप लगाते हुए यह अपील की है। उन्होंने कहा कि बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बंगाल से आये लोगों ने एक नया षड्यंत्र शुरू किया है। इसलिए आज और कल मेरे लिए ‘व्हिस्पर’ नहीं, बल्कि खुलकर अभियान चलाएं। क्योंकि झारखंडियों की प्रकृति में डरना और धीरे-धीरे बोलना नहीं है। खुलकर बोलें, ‘व्हिस्पर’ नहीं, बल्कि ‘बोल्ड’ होकर बोलें।

हेमंत सोरेन ने सोमवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने उल्लेख किया कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं, वहां ये लोग चौक-चौराहों पर चुनाव पर चर्चा करते हुए मिलेंगे। इसे भाजपा का नया षड्यंत्र माना जा रहा है, जिसे ‘व्हिस्पर कैंपेन’ कहा जाता है।

हेमंत सोरेन ने भाजपा पर ‘व्हिस्पर कैंपेन’ का आरोप लगाकर कहा कि पार्टी ने झामुमो के खिलाफ अफवाह फैलाने का अभियान चला रखा है। हालांकि ‘व्हिस्पर कैंपेन’ या इसे ‘कानाफूसी अभियान’ कह लें, यह सिर्फ नकारात्मक बातें फैलाने का एक माध्यम नहीं है, समाज में सकारात्मकता फैलाने का भी बड़ा सशक्त माध्य है। इसके द्वारा किसी प्रकार का कोई प्रचार अभियान भी नहीं चलाना पड़ता और बड़े तबके तक बात पहुंच जाती है। उदाहरण के लिए स्कूलों में ‘पारियड्स बुलिंग’ (माहवारी) के कारण 23 प्रतिशत छात्राएं स्कूल छोड़ देती है, उनमें जागरूकता फैलाने के लिए ‘व्हिस्पर कैंपेन’ का सहारा लिया जाता है और इसका असर भी दिख रहा है। और भी कई विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए ‘व्हिस्पर कैंपेन’ का सहारा लिया जाता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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