झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने देश में एक मिसाल कायम करते हुए चार योजनाओं की शुरुआत की है। चम्पाई सोरेन ने देश में पहली बार एक ऐसी योजना लॉन्च की है जिससे विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहन मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने 50 वर्ष उम्र पार कर चुकी झारखंड की हर महिला के लिए 1000 रुपये पेंशन की पहली किस्त की सौगात दी है। मुख्यमंत्री मंत्री आंगनबाड़ी की सेविका-सहायिका को प्रोत्साहन राशि वितरित करने के साथ सावित्रीबाई फुलो योजना के लिए पोर्टल लॉन्च किया है। सावित्रीबाई फुलो योजना झारखंड की बच्चियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी है। योजनाओं की शुरुआत रांची के होटवार स्थित खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के तहत की गयी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने स्टेडियम में भारी संख्या में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखंड की सरकार राज्य की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है। जबकि यह प्रयास राज्य के गठन के बाद से ही शुरू कर दिया जाना चाहिए थे। क्योंकि इसी उद्देश्य के लिए ही तो झारखंड अलग राज्य का संघर्ष हुआ था।
अलग राज्य बनने के बाद 24 साल हो गये हैं, लेकिन अभी तक राज्य का वह विकास नहीं हो पाया जो होना चाहिए था। लेकिन जब 2019 में जनादेश पाकर हेमंत सोरेन की सरकार बनी तक से उन्होंने राज्य की चिन्ता करनी शुरू कर दी। फले ही शुरुआत के दो साल कोरोना से संघर्ष करने में निकल गये, लेकिन उसके बाद हेमंत सोरेन ने विकास की योजनाओं पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया। आपकी योजना, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से पहले यह जाना कि राज्य के ग्रामीण, पिछड़े, गरीब और दलितों की जरूरत क्या है। उसके बाद उन्होंने उनके लिए काम करना शुरू कर दिया। हर किसी की जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान है, तो हर किसी को ये चीजें दी जा रही हैं। जबकि इससे पहले राज्य को सिर्फ ठगने का काम किया गया। उनको यहां के लोगों से कोई हमदर्दी नहीं थी, उनकी नजर सिर्फ यहां की खनिज सम्पदा पर थी।
चम्पाई सोरेन ने कहा कि आंगनबाड़ी पर सरकार ध्यान दे रही है। आंगनबाड़ी पर ध्यान देने से महिलाओं के साथ छोटे बच्चों पर भी ध्यान दे सकेंगे। सरकार की यही इच्छा है कि राज्य के हर बच्चे को पौष्टिक आहार मिले। बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा तो बड़े होकर मजबूत बनेंगे। इसलिए छोटे बच्चों को तकलीफ न हो उनको पौष्टिक आहार देना जरूरी है। सावित्री फुलो बाई योजना से बच्चियों की शिक्षा पर ध्यान दे रहे हैं। उन्हें सहायता दे रहे हैं ताकि वह पढ़-लिख सकें। सीएम ने कहा कि राज्य धनी है, लेकिन इसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। लेकिन इसकी हम चिंता कर रहे हैं। ताकि हम आपकी चिंता दूर कर सकें।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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