Vasant Navratri: दैत्यों का करतीं संहार, काल से भक्तों की करतीं रक्षा मां कालरात्रि
सप्तम कालरात्रि एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।…
सप्तम कालरात्रि एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।…
द्वितीय ब्रह्मचारिणी दधाना कर पद्माभ्यामक्ष माला कमण्डलु। देवी प्रसीदतु मयि…