हम आपके लिए एक ऐसे कुली की कहानी लाये हैं जिसने रेलवे स्टेशन पर मिलने वाले फ्री वाई-फाई का उपयोग कर देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC को पास किया। केरल के कुली श्रीनाथ ने केवल एक प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS परीक्षा को पास किया। आइये देखते है उनकी प्रेरणादायक यात्रा।
कौन है IAS श्रीनाथ के. ?
IAS श्रीनाथ के. केरल राज्य के मुन्नार जिले के रहने वाले है और केरल के एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते थे।अपने परिवार में अकेले कमाने वाले व्यक्ति और साथ ही middle class family से थेI वह एक authorised कुली थे लेकिन 2018 में 27 साल की उम्र में उसने महसूस किया कि कुली की आय से वो अपने परिवार को एक अच्छी लाइफ नहीं दे सकते और ना ही अपनी बेटी को एक अच्छी पढाई के साथ साथ परवरिश दे पाएंगे। उन्होंने अपनी कमाई को 400-500 प्रतिदिन से अधिक करने के लिए रात की शिफ्ट में भी काम करना शुरू कर दिया था। जब वो भी पर्याप्त नहीं लगा तब, उनके मन में UPSC CIVIL SERVICE की तैयारी का विचार आया।
कोचिंग और ट्यूशन के लिए नहीं थे पैसे तो ली रेलवे स्टेशन के फ्री WI-FI का मदद
यह 2016 की बात है, जब रेलटेल और गूगल ने भारत के कई रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई लॉन्च किया था। फ्रीवाईफाई की मदद से उन्होंने वीडियो डाउनलोड किए और काम करते हुए KPSC परीक्षा की तैयारी की। श्रीनाथ ने अपना पैसा एक मेमोरी कार्ड, फोन और एक जोड़ी ईयरफोन पर खर्च किया।2018 में, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने श्रीनाथ को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। उनकी कहानी गूगल इंडिया ने शेयर की है. वह पहली बार राज्य स्तर पर KPSC परीक्षा में शामिल हुए और अच्छी रैंक हासिल किया। लेकिन वह यहीं नहीं रुके. श्रीनाथ का मुख्य लक्ष्य एक IAS अधिकारी बनना था और इसलिए उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी जारी रखी.
IAS श्रीनाथ की सफलता:
श्रीनाथ ने कुछ तकनीक का उपयोग करके सबसे पहले केरल लोक सेवा आयोग की लिखित परीक्षा पास की। श्रीनाथ अपने गांव और अपने परिवार की स्थिति में भी सुधार करना चाहते थे।UPSC परीक्षा को पास करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और कभी हार नहीं मानी। कुली की नौकरी छोड़ने से उनके परिवार की स्थिति और ख़राब हो सकती थी इसीलिए उन्होंने अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ी और उन्होंने अपने चौथे प्रयास में सिविल सेवा की परीक्षा पास की। श्रीनाथ के. की ये कहानी और लोगों के लिए एक उदाहरण है, जिन्हें समान अवसर नहीं मिलते लेकिन कठिन संघर्षों को पार कर वे सफल होते हैं I