झारखंड की राजधानी के कई ठिकानों पर झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम के ठिकानों पर नोटों का पहाड़ मिलने के बाद दोनों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ईडी की विशेष अदालत ने छह दिनों की जो रिमांड दी है, वह आज से शुरू भी हो गयी है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहा है कि अब क्या? तो सूत्रों से जैसी खबरें आ रही हैं, उसके अनुसार अब मंत्री आलमगीर आलम पर शिकंजा कसने जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन्हें समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है। सम्भव है कि मंत्री आलमगीर आलम को यह समन आज ही मिल जाये।
इतना ही नहीं, ईडी की नजर आलमगीर आलम के बेटे तनवीर पर भी लगी हुई है। ईडी को जानकारी मिली है कि तमाम गड़बड़झालों में मंत्री के बेटे तनवीर और उसके दोस्त की खास भूमिका रहती है। आलमगीर आलम के बेटे तनवीर का दोस्त भी दायरे में है। तनवीर का यह दोस्त डालटनगंज में होटल और श्रीलेदर के शोरुम का मालिक बताया जा रहा है। रांची के चर्च रोड स्थित करोड़ों रुपयों के संतुष्टि अपार्टमेंट में तीन फ्लैट का मालिक है। ट्रांसफर-पोस्टिंग और टेंडर मैनेज करने में तनवीर और उसके दोस्त की भूमिका रहती है। कालाधन मैनेज करने में तनवीर के रिश्तेदार भी लपेटे में आ सकते हैं।
बता दें कि ईडी ने जहांगीर आलम के आवास के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर विकास कुमार के आवास पर भी छापेमारी की थी। ईडी ने विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर 35 करोड़ से ज्यादा नकद बरामद किया है। मामले की शुरुआत दसरअल, बीते साल 2023 के फरवरी में विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र के. राम को 10 हजार रुपये के रिश्वत से हुई थी जिसके बाद नोटों का यह जखीरा सामने आ गया। ईडी की छापेमारी जैसे-जैसे आगी बढ़ती गयी, भ्रष्टाचार के तार खुलने लगे और तार जहांगीर आलम, पीएस संजीव लाल और मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंचने लगे। इसीलिए अब ईडी को लगता है कि मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ कर लेना जरूरी है ताकि सच्चाई तक पहुंचा जा सके।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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