राम विवाद नहीं बल्कि समाधान हैं, राम भारत की आस्था हैंप्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी का सम्बोधन

Ram is not a dispute but a solution, Ram is the faith of India - PM

भारत की आज 500 वर्षों की तपस्या पूर्ण हुई। आज भगवान राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ श्रीराम लगा मंदिर में अपने आसन पर विराजमान हो गये। श्रीराम के प्रतिष्ठा लौटाने के बाद पीएम मोदी ने 11 दिनों से चल रही अपनी तपस्या भी समाप्त की। निर्मोही अखाड़े के संत गोविंद देव गिरी जी ने पीएम मोदी को तांबे के चम्मच से जल पिलाकर उनका उपवास तुड़वाया। उनके साथ मुख्य यजमान अनिल मिश्रा और पत्नी ने भी अपना अनशन समाप्त किया। बता दें, पीएम मोदी, अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी 11 दिन से निर्जला उपवास पर थे। उपवास तोड़ने के बाद तालियों की गड़गडाहट और प्रभु श्रीराम के जयघोष के बीच पीएम मोदी ने जनसमुदाय को सम्बोधित किया

पीएम मोदी अपने सम्बोधन के वक्त काफी भावुक हुए। उन्होंने कहा- हमारे राम लला आ गये हैं, इस अवसर पर कहने को तो बहुत कुछ है, लेकिन कंठ अवरुद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने राम की भक्ति और भगवान राम के आदर्शों के साथ देश की चेतना के विस्तार का आह्वान किया। राम के दिव्य स्वरूप की व्याख्या करते हुए कहा- “राम अग्नि नहीं हैं, बल्कि राम ऊर्जा हैं।” “राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, बल्कि राम सबके हैं। राम सिर्फ राम शाश्वत हैं, वह सिर्फ वर्तमान नहीं अनन्त काल हैं।” पीएम ने कहा कि कुछ लोगों का मानना था कि राम मंदिर का निर्माण विनाश का कारण बनेगा, शायद उनका तात्पर्य विपक्षी राजनीति की ओर था। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति भारत की सामाजिक भावनाओं की पवित्रता को नहीं समझ सकते।

प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में जो कुछ कहा
  • राम आ गये, कहने को बहुत कुछ, कंठ अवरुद्ध
  • गर्भगृह में ईश्वरी चेतना का साक्षी बना
  • 22 जनवरी नये कालचक्र का उद्गम है
  • हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे
  • राम भारत की आस्था हैं
  • राम आग नहीं हैं ऊर्जा हैं
  • राम विवाद नहीं समाधान हैं
  • राम नीति भी हैं, नियति भी हैं
  • राम भारत का आधार हैं
  • राम सिर्फ वर्तमान नहीं, अनन्त काल हैं
  • सभी रामभक्तों और कारसेवकों का आभारी
  • न्यायपालिका ने न्याय की लाज रखी
  • जहां राम का काम, वहां हनुमान विराजमान
  • मैं उन स्थानों पर गया जहां राम के चरण पड़े
  • 1000 साल की हमने नींव रख दी
  • यह मंदिर नहीं, भारत के चिंतन का दर्शन है
  • राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार
  • यही समय है, सही समय है

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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