चाईबासा MP-MLA कोर्ट में चल रही मानहानि मामले की सुनवाई में राहुल गांधी को 27 मार्च को शरीर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश मिला था जिस पर झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए गैर जमानती वारंट पर एक महीने की रोक लगा दी है। गैर जमानती वारंट को एक महीने के लिए कोर्ट ने शर्तों के साथ स्थगित किया है। हाई कोर्ट ने राहुल गांधी को निर्देश दिया है कि मामले की सुनवाई के लिए वह कानून सम्मत उपयुक्त कदम उठायेंगे।
बता दें कि आपत्तिजनक बयान पर झारखंड के चाईबासा के MP-MLA कोर्ट ने आगामी 27 मार्च को सशरीर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया था। राहुल गांधी ने आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में याचिका देकर कोर्ट से सशरीर उपस्थिति से छूट मांगी थी, लेकिन एमपी- एमएलए विशेष अदालत के न्यायाधीश ऋषि कुमार ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी पर की गयी यह टिप्पणी का मामला 2018 का है। उस टिप्पणी को लेकर भाजपा के नेता प्रताप कटियार ने चाईबासा कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में वाद दायर किया था। जिसे रांची की एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन चाईबासा में एमपी एमएलए कोर्ट शुरू हुआ तो उसे वहां ट्रांसफर कर दिया गया।
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
- अप्रैल 2022 में चाईबासा एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी, लेकिन राहुल गांधी ने उसका कोई संज्ञान नहीं लिया
- 27 फरवरी 2024 को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया
- राहुल गांधी ने कोर्ट में आवेदन देकर सशरीर उपस्थिति से छूट मांगी
- 14 मार्च, 2024 को उनके आवेदन को खारिज करते हुए 27 मार्च को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया
भाजपा पर टिप्पणी का क्या है मामला?
राहुल गांधी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भाजपा में ही कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है, कांग्रेस में नहीं। इसी टिप्पणी पर भाजपा नेता प्रताप कटियार ने अदालत में मामला दर्ज कराया था।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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