प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी औरंगाबाद और बेगुसराय से बिहार समेत कई राज्यों पर करेंगे सौगातों की बौछार

Prime Minister will give gifts to many states including Bihar from Aurangabad and Begusarai

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 और 2 मार्च को तीन राज्यों के दौरे पर हैं। झारखंड के धनबाद के सिन्दरी से अरबों रुपयों की सौगात देने के बाद पीएम पश्चिम बंगाल के हुगली और कृष्णानगर से राज्य को ढेरों परियोजनाओं की सौगात देने के बाद बिहार पहुंचने वाले हैं। बिहार में भी प्रधानमंत्री योजनाओं की बरसात करने वाले हैं। आइए देखते हैं पीएम मोदी बिहार को क्या-क्या देने वाले हैं।

बिहार के औरंगाबाद में प्रधानमंत्री
  • औरंगाबाद में प्रधानमंत्री 21,400 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
  • राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को मजबूत करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री 18,100 करोड़ रुपये से अधिक की अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
  • जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, उनमें एनएच-227 का 4 किमी लंबा दो-लेन का पक्की सड़क वाला जयनगर-नरहिया खंड; एनएच-131जी पर कन्हौली से रामनगर तक छह लेन की पटना रिंग रोड का खंड; किशनगंज शहर में मौजूदा फ्लाईओवर के समानांतर 3.2 किमी लंबा दूसरा फ्लाईओवर; 47 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-रजौली को चार लेन का बनाना; और एनएच -319 के 55 किमी लंबे अर्रा-पररिया खंड को चार लेन का निर्माण शामिल है।
  • प्रधानमंत्री छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिसमें आमस से ग्राम शिवरामपुर तक 55 किमी लंबे चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण; शिवरामपुर से रामनगर तक 54 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; ग्राम कल्याणपुर से ग्राम बलभदरपुर तक 47 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; बलभदरपुर से बेला नवादा तक 42 किमी लंबा चार लेन वाला नियंत्रित सुगमता का ग्रीनफील्ड राष्ट्रीय राजमार्ग; दानापुर-बिहटा खंड से 25 किमी लंबा चार लेन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर; और बिहटा-कोइलवर खंड के मौजूदा दो लेन से चार लेन कैरिजवे का उन्नयन शामिल है। सड़क परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार होगा, यात्रा का समय कम होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
  • प्रधानमंत्री गंगा नदी पर छह लेन वाले पुल की आधारशिला भी रखेंगे, जिसे पटना रिंग रोड के एक हिस्से के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पुल देश के सबसे लंबे नदी पुलों में से एक होगा। यह परियोजना पटना शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगी और बिहार के उत्तरी व दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • प्रधानमंत्री बिहार में नमामि गंगे के तहत लगभग 2,190 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की गई बारह परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। परियोजनाओं में सैदपुर और पहाड़ी में सीवेज उपचार संयंत्र; सैदपुर, बेउर, पहाड़ी जोन आईवीए के लिए सीवरेज नेटवर्क; करमालीचक में सीवर नेटवर्क के साथ सीवरेज प्रणाली; पहाड़ी जोन-वी में सीवरेज योजना; और बाढ़, छपरा, नौगछिया, सुल्तानगंज तथा सोनपुर शहर में अवरोधन, डायवर्जन और सीवेज उपचार संयंत्र शामिल हैं। ये परियोजनाएं अनेक स्थानों पर गंगा नदी में छोड़े जाने से पहले अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करेंगी, जिससे नदी की स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र के लोगों को लाभ होगा।
  • प्रधानमंत्री पटना में यूनिटी मॉल का शिलान्यास करेंगे। 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाली इस परियोजना की परिकल्पना एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय डिजाइन व्यवहारों, प्रौद्योगिकी, सुविधा और सौंदर्यीकरण शामिल हैं।
  • मॉल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और जिलों को समर्पित स्थान प्रदान करेगा, जिससे वे अपने विशिष्ट उत्पादों और शिल्प कौशल का प्रदर्शन कर सकेंगे। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 36 बड़े स्टॉल और बिहार के प्रत्येक जिले के लिए 38 छोटे स्टॉल होंगे। यूनिटी मॉल स्थानीय विनिर्माण और एक जिला एक उत्पाद, भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों और बिहार व भारत के हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देगा। इस परियोजना से रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास और राज्य से निर्यात के मामले में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ होगा।
  • प्रधानमंत्री बिहार में तीन रेलवे परियोजनाएं भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिनमें पाटलिपुत्र से पहलेजा रेलवे लाइन के दोहरीकरण की परियोजना; बंधुआ-पैमार के बीच 26 किमी लंबी नई रेल लाइन; और गया में एक एमईएमयू शेड भी शामिल है। प्रधानमंत्री आरा बाई-पास रेल लाइन का भी शिलान्यास करेंगे। रेल परियोजनाओं से बेहतर रेल कनेक्टिविटी होगी, लाइन क्षमता और ट्रेनों की गतिशीलता में सुधार होगा तथा क्षेत्र में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार के बेगुसराय में प्रधानमंत्री
  • बेगुसराय में सार्वजनिक समारोह देश में ऊर्जा क्षेत्र को महत्वपूर्ण प्रोत्साहन का गवाह बनेगा। इस दिन प्रधानमंत्री लगभग 48 लाख करोड़ रुपये की अनेक तेल और गैस परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं केजी बेसिन के साथ-साथ देश भर के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक में फैली हुई हैं।
  • प्रधानमंत्री केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे और ओएनजीसी कृष्णा गोदावरी गहरे पानी परियोजना से पहले कच्चे तेल टैंकर को हरी झंडी दिखाएंगे। केजी बेसिन से ‘फर्स्ट ऑयल’ निकालना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो ऊर्जा आयात पर हमारी निर्भरता को काफी कम कर देगी। यह परियोजना भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग का सूत्रपात भी करेगी, जिससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती और आर्थिक लचीलेपन को बढ़ावा मिलेगा।
  • बिहार में लगभग 14,000 करोड़ रुपये की तेल एवं गैस क्षेत्र की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इसमें 11,400 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत के साथ बरौनी रिफाइनरी के विस्तार की आधारशिला रखना और बरौनी रिफाइनरी में ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन; पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर एलपीजी पाइपलाइन का पटना और मुजफ्फरपुर सहित अन्य तक विस्तार शामिल है।
  • देश भर में शुरू की जा रही अन्य महत्वपूर्ण तेल और गैस परियोजनाओं में हरियाणा में पानीपत रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स का विस्तार; पानीपत रिफाइनरी में 3-जी इथेनॉल संयंत्र और उत्प्रेरक संयंत्र; आंध्र प्रदेश में विशाख रिफाइनरी आधुनिकीकरण परियोजना (वीआरएमपी); सिटी गैस वितरण नेटवर्क परियोजना के दायरे में पंजाब के फाजिल्का, गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को रखा गया है। इसी तरह, गुलबर्गा कर्नाटक में नया पीओएल डिपो, महाराष्ट्र में मुंबई हाई नॉर्थ पुनर्विकास चरण -IV, आदि भी इसमें शामिल हैं। प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान (आईआईपीई) की आधारशिला भी रखेंगे।
  • प्रधानमंत्री बरौनी में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन करेंगे। 9500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित यह संयंत्र किसानों को किफायती दर पर यूरिया उपलब्ध कराएगा और उनकी उत्पादकता तथा वित्तीय स्थिरता में वृद्धि करेगा। यह देश में फिर से चालू होने वाला चौथा उर्वरक संयंत्र होगा।
  • प्रधानमंत्री लगभग 3917 करोड़ रुपये की अनेक रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें राघोपुर-फारबिसगंज गेज परिवर्तन की परियोजना; मुकुरिया-कटिहार-कुमेदपुर रेल लाइन का दोहरीकरण; बरौनी-बछवारा तीसरी और चौथी लाइन के लिए परियोजना, कटिहार-जोगबनी रेल खंड का विद्युतीकरण, सहित अन्य परियोजनायें शामिल हैं। ये परियोजनाएं यात्रा को और अधिक सुलभ बनाएंगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। प्रधानमंत्री चार ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे जिनमें दानापुर-जोगबनी एक्सप्रेस (दरभंगा-सकरी के रास्ते); जोगबनी-सहरसा एक्सप्रेस; सोनपुर-वैशाली एक्सप्रेस; और जोगबनी-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस हैं।
  • प्रधानमंत्री देश में पशुधन के लिए एक डिजिटल डेटाबेस – ‘भारत पशुधन’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राष्ट्रीय डिजिटल पशुधन मिशन (एनडीएलएम) के तहत विकसित, ‘भारत पशुधन’ प्रत्येक पशुधन को आवंटित एक अद्वितीय 12-अंकीय टैग आईडी का उपयोग करेगा। परियोजना के तहत अनुमानित 5 करोड़ गोवंश में से लगभग 29.6 करोड़ को पहले ही टैग किया जा चुका है और उनका विवरण डेटाबेस में उपलब्ध है। ‘भारत पशुधन’ गोवंश के लिए ट्रैसेबिलिटी प्रणाली प्रदान करके किसानों को सशक्त बनाएगा और बीमारी की निगरानी व नियंत्रण में भी मदद करेगा।
  • प्रधान मंत्री ‘1962 फार्मर्स ऐप’ भी लॉन्च करेंगे। यह एक ऐसा ऐप है, जो ‘भारत पशुधन’ डेटाबेस के तहत मौजूद सभी डेटा और सूचनाओं को रिकॉर्ड करता है, जिसका उपयोग किसान कर सकते हैं।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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