Mohan Yadav Bihar : लालू के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी, मप्र के सीएम मोहन यादव आ रहे पटना, कृष्णभक्तों के साथ सभा क्या लायेगी रंग?

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Mohan Yadav Bihar: भाजपा ने जो योजना बनाकर मध्य प्रदेश मे मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया था, उस पर उसने कदम आगे बढ़ा दिया है। अब चूंकि लोकसभा चुनाव नजदीक आ गया है, इसलिए भाजपा उसमें और देरी नहीं करना चाहती। वैसे तो इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को बिहार यात्रा से कर देंगे, लेकिन जो जातीय समीकरण साधने का काम वह वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बिहार आकर करेंगे। भाजपा को पूरी उम्मीद है कि मोहन यादव के जरिए वह बिहार में लालू प्रसाद के गढ़ में यानी यादव वोट में सेंधमारी कर पायेंगे। पर यह कितना सम्भव है , क्योंकि लालू यादव के राजनीतिक उदय के बाद यादव बिहार की राजनीतिक में उनकी हमेशा से ताकत बने रहे हैं।

चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति भी पूरी तरह से गर्म है। बिहार में भले ही इंडी गठबंधन अपने मसलों को लेकर उलझा हुआ है, लेकिन भाजपा ने अपना राजनीतिक चालें चलनी शुरू कर दी हैं। खबर यही है कि भाजपा ने बिहार में ऑपरेशन लालू यादव की शुरुआत कर दी है। भाजपा की प्लानिंग बिहार में यादव वोट बैंक में सेंध लगाने की है। मध्य प्रदेश में जब मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया, उसी के बाद से यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा की यह बिहार और उत्तर प्रदेश में यादव वोट बैंक में सेंधमारी की योजना है। अब तो इसकी शुरुआत भी होने जा रही हैथ जानकारी के मुताबिक 18 जनवरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पटना पहुंच रहे हैं। मोहन यादव के इस दौरे पर उनके जोरदार स्वागत की तैयारी की गयी है। मोहन भागत इस दौरे पर पटना में कृष्ण भक्तों के साथ एक सभा करने वाले हैं।

उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव एक प्रभावशाली समूह है। बिहार में जहां राष्ट्रीय जनता दल की राजनीति यादवों से जुड़ी हुई है, वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी यादवों की राजनीति कर रही है। बता दें कि मोहन यादव की पत्नी सीमा उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर की रहने वाली हैं। भाजपा इसको भी भुनाने का प्रयास करेगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार एकमात्र ऐसा हिंदी भाषी राज्य है जहां बीजेपी कभी भी अपने दम पर सरकार नहीं बन पाई। इसका सबसे बड़ा कारण यही है कि भाजपा यादव वोट के अपने पाले में कभी नहीं कर पायी है। बिहार में यादवों की संख्या 14 फीसदी से ज्यादा हैं। इसलिए अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोहन यादव के आगमन के बाद बिहार में भाजपा के पक्ष में क्या समीकरण बदलता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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