कांग्रेस ने भले ही अपने कोटे में आने वाली सीटों के पूरे प्रत्याशियों के नामों की घोषणा न की हो, लेकिन गोड्डा सीट उसके लिए गले की फांस बन सकता है। दरअसल, यौन उत्पीड़न का मामला प्रदीप यादव के लिए चुनावी बाधा बन सकता है। गोड्डा सीट इंडी गठबंधन के लिए एक अहम सीट है। यहां के मौजूदा सांसद बीजेपी से निशिकांत दुबे हैं। इंडी गठबंधन की ओर से अभी तय नहीं किया गया है कि यहां से निशिकांत दुबे के मुकाबले कौन खड़ा होगा। कांग्रेस की ओर से महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी एवं पौड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव गोड्डा के नामों की चर्चा है। लेकिन कांग्रेस यह तय नहीं कर पा रही है कि किसे उम्मीदवार बनाया जाए।
भले ही राजनीतिक हलकों में गोड्डा के लिए कांग्रेस की ओर से प्रदीप यादव की दावेदारी ज्यादा मजबूत नजर आ रही हो, लेकिन उनके सामने एक विकट कानूनी पचड़ा है जो उनकी उम्मीदवारी पर ग्रहण लगा सकता है। प्रदीप यादव यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे हैं। उनके खिलाफ एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। प्रदीप यादव को यौन शोषण के आरोप में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राहत नहीं मिली है। 1 सितंबर 2023 को हाई कोर्ट ने और 3 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट याचिका खारिज कर चुके हैं। यह मामला फिलहाल दुमका लोअर कोर्ट में चल रहा है। प्रदीप यादव फिलहाल जमानत पर हैं। इसका मतलब हुआ कि अगर कांग्रेस प्रदीप यादव के नाम पर विचार करना चाहती भी है तो उन पर लगा आरोप उनकी उम्मीदवारी के आड़े आ सकता है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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