Bihar: पप्पू तो पूर्णियां से चुनाव लड़ेंगे ही! अब क्या करेगी कांग्रेस? क्या संजय निरुपम जैसा लेगी निर्णय?

Pappu will definitely contest elections from Purnia! Will Congress take a decision like Sanjay Nirupam?

जन अधिकार पार्टी (JAP) का कांग्रेस में विलय कराकर पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गये। पप्पू यादव कांग्रेस में इस उम्मीद में शामिल हुए थे कि कांग्रेस के टिकट पर वह पूर्णिया में लोकसभा चुनाव लड़ लेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। ऐसा इसलिए कि पप्पू यादव की इच्छा की पूर्ति हो सके, इससे पहले ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने दूसरी सीटों के साथ पूर्णिया पर अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। अब पप्पू यादव के सामने ‘सांप-छछूंदर’ वाली स्थिति हो गयी। ऊपर से प्रतिष्ठा का प्रश्न अलग। लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को तरजीह दी। भले ही वह कांग्रेस के नेता बन गये हैं, लेकिन गुरुवार को उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया से अपना नामांकन कर दिया। पप्पू यादव के नामांकन के बाद राजद की ओर से तो कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है, लेकिन कांग्रेस उन्हें आंखें जरूर दिखा रही है। कांग्रेस पप्पू यादव की इस ‘हरकत’ पर काफी नाराज है और उसने अपना नामांकन वापस लेने की चेतावनी तक दे डाली है। पार्टी की ओर से यह भी कहा गया है कि पप्पू यादव कांग्रेस के पोस्टर, बैनर आदि का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। हालांकि भाषणों के दौरान कांग्रेस को पार्टी के नेताओं के नाम लेने पर कोई आपत्ति नहीं है।

कांग्रेस के रुख से यह तो स्पष्ट हो रहा है कि वह पप्पू यादव के प्रति उतना कठोर रवैया नहीं अपनाना चाहती है जितना कि पार्टी गाइडलाइन से अलग चल रहे महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता रहे संजय निरुपम के प्रति अपनाया। कांग्रेस ने तो उन्हें प्रस्ताव पारित कर पार्टी से निकाल ही दिया। हो सकता है कि कांग्रेस पप्पू यादव के लिए भी ऐसा ही कुछ करती। लेकिन लगता है कि कांग्रेस को पप्पू यादव की बिहार में ज्यादा जरूरत है। खुद पप्पू यादव भी कह रहे हैं कि वह कांग्रेस को बिहार में नम्बर वन पार्टी बनायेंगे। ऐसे में यही लगता है कि कांग्रेस पप्पू यादव के प्रति सिर्फ नाराजगी भर ही दिखायेगी। संजय निरुपम की तरह कड़ा एक्शन नहीं लेगी।

जहां तक पार्टी की चेतावनी के बाद नाम वापस लेने का प्रश्न है तो यह भी सम्भव नहीं लगता है। पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट को अपनी प्रतिष्ठा मानते हैं, इसलिए ही वह वहां से चुनाव मैदान में उतरे हैं और चुनाव लड़ेंगे। अगर उन्हें कांग्रेस की नाराजगी की चिंता होती तो पार्टी तो उन्हें पहले से ही चेतावनी दे रही थी। लेकिन उन्होंने पार्टी की नाराजगी की चिंता किये बगैर अपना नामांकन किया है तो वह चुनाव भी लड़ेंगे।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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