Lok Sabha Election 2024: आज 19 मार्च, ठीक एक महीने बाद लोकतंत्र के महापर्व की प्रथम आहूति

Lok Sabha Election: First offering of the great festival of democracy after a month

आज 19 मार्च है। यानी आज से ठीक एक महीने बाद 19 अप्रैल को लोकतंत्र के महापर्व में प्रथम आहूति पड़ेगी। यानी सात चरणों में होने वाले मतदान के प्रथम चरण के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 18वीं लोकसभा के लिए कहने को तो सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में महीनों या यूं कहें के साल भर पहले से ही जुटे हुए हैं। लेकिन ताजा राजनीतिक हालात पर नजर डालें तो इसमें कई राजनीतिक दल अब भी काफी पीछे चल रहे हैं। वजह कई हो सकती है, इसमें सबसे बड़ी वजह है भाजपा की अब तक की फुलप्रूफ प्लानिंग। चुनाव मैदान में उतरने वाली तमाम पार्टियों में भाजपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसने 2019 का चुनाव जीतने के बाद से ही 2014 के चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसको समझने के लिए पांच साल पीछे जाने की जरूरत है जब दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद देश को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले चुनाव यानी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों का ऐलान कर दिया था। सिर्फ ऐलान ही नहीं किया, बल्कि अपने सभी सांसदों को टास्क दे दिया कि उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में क्या करना है। सिर्फ अपने ही क्षेत्र में नहीं, बल्कि जहां पर भाजपा नहीं जीती, उन क्षेत्रों की भी जिम्मेदारियां अपने सांसदों को दे दीं। उसी का नतीजा है कि उनके रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही इस बार के चुनाव के लिए या तो टिकटों का इनाम उन्हें मिला या फिर टिकट कट गया।

ऐसा नहीं है कि विपक्ष तैयारियां नहीं कर रहा है। विपक्ष की भी अपनी तैयारियां हैं। विपक्ष की सबसे बड़ी तैयारी थी, इंडी गठबंधन को खड़ा करना। सही मायनों में यह भाजपा और एनडीए को घेरने के लिए एक बड़ा चक्रव्यूह था जिसे विपक्ष ने तैयार किया था, लेकिन अपनी ही गलतियों से इस चक्रव्यूह में उसने इतने छेद बना दिये जिससे आसानी से बाहर निकला जा सके। 28 पार्टियों का एक सशक्त गठबंधन अपने स्वार्थ के कारण एकजुट होकर नहीं रह सका। इस गठबंधन में कई बड़ी पार्टियां हैं। लेकिन इन पार्टियों का अपना-अपना स्वार्थ भी है। कई पार्टियां अपने-अपने राज्यों में काफी सशक्त हैं। इसलिए वे अपना प्रभाव अपने राज्यों में कम होते नहीं देख सकती हैं। इस कारण जब टिकटों की शेयरिंग की बारी आयी तो उन्होंने दूसरी पार्टियों को पास फटकने नहीं दिया। आज कहने तो तो ये पार्टियां साथ हैं, लेकिन इनके मतभेद और मनभेद भी साथ-साथ चल रहे हैं। इसका प्रभाव निश्चित रूप से आगामी लोकसभा चुनाव पर दिखेगा।

खैर, यह तो चुनाव परिणाम बतायेगा कि भाजपा अपनी तैयारियों में कितनी मजबूत रही और क्या विपक्ष जिस मजबूती के लिए एकजुट होकर गठबंधन के रूप में उभरा, वाकई वह दमखम उतना ही बरकरारर है, जितना कि वह दावा करता रहा है। मगर इन सबके लिए 4 जून तक का इन्तजार करना होगा।

लोकसभा चुनाव 2024 में कब, क्या होगा?

प्रथम चरण

प्रथम चरण में 19 अप्रैल को 102 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में अरुणाचल प्रदेश की सभी दो, असम की 5, बिहार की 4, छत्तीसगढ़ की एक, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 5, मणिपुर की दो, मेघालय की सभी दो, मिजोरम की एकमात्र, नगालैंड की एक, राजस्थान की 12, सिक्किम की एक, तमिलनाडु की सभी 39, त्रिपुरा की एक, उत्तर प्रदेश की आठ, उत्तराखंड की सभी पांच, पश्चिम बंगाल की तीन, अंडमान निकोबार की एक, जम्मू-कश्मीर की एक, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की एक-एक सीट पर मतदान होगा। इस चरण में अधिसूचना 20 मार्च को जारी होगी। नामांकन 27 मार्च तक किए जा सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 28 मार्च को होगी और 23 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।

दूसरा चरण

दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 89 सीटों पर मतदान होगा। इस दौरान असम की 5, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की तीन, कर्नाटक की 14, केरल की सभी 20, मध्य प्रदेश की 7, महाराष्ट्र की 8, मणिपुर की एक, राजस्थान की 13, त्रिपुरा की एक, उत्तर प्रदेश की 8, पश्चिम बंगाल की तीन, जम्मू कश्मीर की एक सीट पर मतदान होगा। इस चरण में अधिसूचना 28 मार्च, नामांकन 4 अप्रैल, जांच 5 अप्रैल, नाम वापसी 8 अप्रैल को होगी।

तीसरा चरण

तीसरे चरण में 7 मई को 94 सीटों पर मतदान होगा। इसमें असम की चार, बिहार की 5, छत्तीसगढ़ की 7, गोवा की सभी दो, गुजरात की सभी 26, कर्नाटक की 14, मध्य प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, पश्चिम बंगाल की चार, दादरा एवं नगर हवेली और दमन दीव की सभी दो तथा जम्मू कश्मीर की एक-एक सीट पर मतदान होगा। इस चरण में अधिसूचना 12 अप्रैल, नामांकन 19 अप्रैल, जांच 20 अप्रैल, नाम वापसी 22 अप्रैल को होगी।

चौथा चरण

चौथे चरण में 13 मई को 96 सीटों पर मतदान होगा। इसमें आंध्र प्रदेश की सभी 25, बिहार की 5, झारखंड की 4, मध्य प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 11, ओडिशा की 4, तेलंगाना की सभी 17, उत्तर प्रदेश की 13, पश्चिम बंगाल की 8 और जम्मू-कश्मीर की एक सीट पर मतदान होगा। इस चरण में अधिसूचना 18 अप्रैल, नामांकन 25 अप्रैल, जांच 26 अप्रैल, नाम वापसी 29 अप्रैल को होगी।

पांचवां चरण

पांचवें चरण में 20 मई को कुल 49 सीटों पर मतदान होगा। इसमें छत्तीसगढ़ की पांच, झारखंड की तीन, महाराष्ट्र की 13, ओडिशा की पांच, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की 7, जम्मू कश्मीर की एक और लद्दाख की एक सीट पर मतदान होगा। 26 अप्रैल को अधिसूचना, नामांकन 3 मई, जांच 4 मई और नाम वापसी 6 मई को होगी।

छठा चरण

छठे चरण में 25 मई को 57 सीटों पर मतदान होगा। इसमें बिहार की 8, हरियाणा की सभी 10, झारखंड की 4, ओडिशा की 6, उत्तर प्रदेश की 14, पश्चिम बंगाल की 8 और दिल्ली की सभी सात सीटों पर मतदान होगा। छठे चरण में 29 को अधिसूचना, नामांकन 6 मई, जांच 7 मई, नाम वापसी 9 मई को होगी।

सातवां चरण

सातवें चरण में एक जून को बिहार की आठ, हिमाचल प्रदेश की सभी चार, झारखंड की तीन, ओडिशा की छह, पंजाब की सभी 13, उत्तर प्रदेश की 13, पश्चिम बंगाल की 9 और चंडीगढ़ की एक सीट पर मतदान होगा। सातवें चरण में अधिसूचना 7 मई, नामांकन 14 मई, जांच 15 मई और नाम वापसी 17 में को होगी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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