Bihar: ‘चिराग’ की चमक में फीके पड़े पारस, एनडीए से तोड़ा रिश्ता, कहा उनके साथ हुआ अन्याय

Bihar: Paras pales in the glow of 'Chirag', says injustice done to him

लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, तो खुश होने और नाराज होने  का भी मौसम झूम कर बरस रहा है। ताजा नाराजगी बिहार के एलजीपी (आर) प्रमुख चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने दिखायी है। दरअसल, बिहार के लिए एनडीए की सीटों की शेयरिंग फाइनल होने के बाद एलजीपी को तोड़ कर अलग पार्टी बनाने वाले पशुपति पारस के हाथ बिलकुल खाली रहे। क्योंकि चिराग की पार्टी को इस टिकट बंटवारे में 5 सीटें मिली हैं।  इसलिए जैसी की उम्मीद थी, पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री का पद से इस्तीफा देते हुए एनडीए से अपना गठबंधन खत्म कर लिया है। हालांकि यह तय नहीं है कि उनकी आगे की रणनीति क्या होगी, लेकिन इतना तय है कि वह हाजीपुर से एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि पशुपति पारस हाजीपुर से चुनाव लड़ने की पहले से ही जिद ठाने हुए थे। इस कारण चिराग और पारस में लम्बी ठनी रही। चूंकि पारस ने रामविलास पासवान की पार्टी को तोड़कर अलग पार्टी बनायी थी, तो इसका खमियाजा उन्हें भुगतना ही था, शायद यही कारण था कि टिकटों से उनके हाथ खाली रहे। हालांकि इसके लिए भाजपा को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। क्योंकि भाजपा ने चाचा-भतीजा से पहले ही कहा था कि सीट शेयरिंग में उन्हें पांच सीटें मिलेंगी। दोनों पार्टियां सीटें कैसे बांटेंगी, इसका फैसला उन्हें ही करना होगा। लेकिन एलजीपी के दोनों घटकों में बन नहीं सकी और भाजपा ने रामविलास वाली एलजीपी को पांच सीटें दे दीं।

भाजपा को पुनर्विचार करने की सलाह – पारस

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) प्रमुख बिहार में सीट बंटवारे में उनकी पार्टी को “उचित तरजीह” नहीं देने से नाराज हैं। इस कारण उन्होंने एनडीए से रिश्ता तोड़ते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अब भी प्रधानमंत्री का आभारी हूं लेकिन मेरे और मेरी पार्टी के साथ अन्याय हुआ।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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